विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना
आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : विश्व स्वास्थ्य संगठन या डब्ल्यूएचओ की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड की जिनेवा शहर में डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी विश्व स्वास्थ्य संगठन यह डब्ल्यूएचओ संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है इसका मुख्य काम दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर नजर रखना और फुल जाने में मदद करना है।
आज ही के दिन स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है हालांकि इस वर्ष यह दिवस बिल्कुल अलग होगा दुनिया इस समय कोरौना संकट से जूझ रही है ऐसे समय मे जबकि समूचा विश्व कोरोना वायरस (कोविड-19) से जूझ रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को मनाये जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इस महामारी से लड़ने में सबसे अगली पंक्ति में खड़ी नर्सेस और अन्य हेल्थ वर्कर्स के लिए इस दिन को समर्पित किया है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस 2020 के विषय को लेकर आज जारी अपडेट के अनुसार नर्स और मिडवाइफ के इस अंतर्राष्ट्रीय वर्ष में नर्सिंग की समूचे विश्व में स्थिति को उजागर किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ और इसके सहयोगी संगठनों द्वारा नर्सिंग एवं मिडवाइफ फील्ड के कर्मियों की स्थिति को मजूबत करने के लिए कई संस्तुतियां करेंगे।
डब्ल्यूएचओ ने सभी से नर्सिंग एवं मिडवाइफ कर्मियों को सशक्त बनाने की सहयोग देने का आह्वान किया ताकि हर जगह और सभी लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। ऐसे में दुनिया को इससे मुक्ति दिलाने के लिए जो असल योद्धा इस जंग को लड़ रहे हैं वह हमारे डॉक्टर और नर्स अतः उन्हें अपनी अपनी शुभकामनाएं जरूर भेजें…..
इस वर्ष स्वास्थ्य दिवस की थीम सपोर्ट नर्सेज एंड मिडवाइव्स
विश्व स्वास्थ्य दिवस 20 20 की थीम कोरोना वायरस के संक्रमण को एक ऐसे तबके को समर्पित की गई है जिनका इस लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान वह कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी कर रहे हैं।
दरअसल इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे 2020 की थीम है सपोर्ट नर्सेज एंड मिडवाइफ इस मौके पर डब्ल्यूएचओ ने कहां है कि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन दिवस पर आपको इसके समर्थन के लिए बुला रहे हैं ताकि यह निश्चित किया जा सके कि नर्सिंग और मिडवाइफरी का काम करने वाले लोग हर जगह स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
नर्सिंग ओर मिडवाइव की हालात चिंताजनक
हालांकि नर्सों की स्थिति सही नहीं है आप उनका योगदान कोरोना महामारी के दौरान देख सकते हैं कैसे यह नर्स मरीजों को स्वस्थ करने के लिए अपने घर परिवार को छोड़ सेवा में जुड़ी हुई हैं।दिन रात काम करने वाली नर्सों के पास बेसिक मेडिकल किट भी नहीं है। ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन की महासचिव जीके खुराना की माने तो निजी अस्पताल में नर्सों का बुरा हाल है मौत 10 से ₹15000 में नर्स दिन रात अपनी सेवा देती हैं छोटी शहरों में तो हालात इससे भी बदतर है।
इनका कहना है….
आज़ विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सभी स्वास्थ्यकर्मी को हार्दिक शुभकामनाएं, हमें तो सिर्फ हमारे जिले में कोरोना कौरोना ही दिख रहा है। अपनी पूरी ज़िले की टीम के साथ इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए कटिबद्ध है।
– डाक्टर जसराम त्रिवेदिया, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोकनगर
आज विश्व स्वास्थ्य दिवस की सभी मेरे स्वास्थ्य कर्मी एवं नर्सिंग स्टाफ के लिए हार्दिक शुभकामनाएं मेरा समस्त स्टाफ इस महामारी से निपटने के लिए रात दिन अपनी सेवाएं दे रहा है जिसका मैं धन्यवाद करता हूं।
– डाक्टर एम एल खिरका, ब्लाक मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंदेरी