नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी आम बजट से पहले गुरुवार को अर्थशास्त्रियों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और सफल युवा उद्यमियों के साथ विचार विमर्श किया और भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मिलकर प्रयास करने को कहा. विशेषज्ञों के सुझावों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नीति निर्माताओं और विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास करेंगे. ढाई घंटे तक चली इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद नहीं थीं. जिसको लेकर गुरुवार को कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने कहा कि अगली बार बजट से पहले होने वाली बैठक में निर्मला को भी बुलाया जाए.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार को ट्वीट करते हुए इस बैठक के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी की किसानों, युवाओं, छात्रों और महिलाओं के विचारों में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘मोदी के ‘सबसे व्यापक’ बजट परामर्श केवल घोर पूंजीवादी दोस्त और अमीरों के लिए ही आरक्षित है. उनकी किसानों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों, छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग के करदाताओं के विचारों या आवाज़ों में कोई दिलचस्पी नहीं है.
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बता दें, वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट से पहले आयोजित पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान विशेषज्ञों ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कई सुझाव दिए. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के गिरकर पिछले 11 साल के निम्नस्तर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विचार अचानक से नहीं आया है. यह देश की ताकत की गहरी समझ पर आधारित है.
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उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव झेलने की ताकत अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारकों की मजबूती और उसके फिर से पटरी पर लौटने की क्षमता को दर्शाती है. बयान के मुताबिक, मोदी ने कहा कि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और कृषि आधारित उद्योग जैसे क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और रोजगार सृजित करने की क्षमता है.