हैदराबाद : वर्ष 1920 में स्थाोपित श्री जगन्नाेथ स्वामी रामगोपाल ट्रस्ट ने हाल ही में मथुरा में अपनी धर्मशाला को पूरी तरह से फिर से निर्मित किया और श्रद्धालुओं के लिये अतिरिक्तध सुविधाओं की पेशकश की है। यह धर्मशाला यमुना नदी के किनारे पर प्रयाग घाट में स्थित है। यह प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर के नजदीक स्थित है। द्वारकाधीश मंदिर में मौजूद देव (श्री कृष्ण् की मूर्ति) धर्मशाला प्रॉपर्टी (एक पुराने मंदिर के रूप में प्रसिद्ध) में थी और बाद में इसे मौजूदा मंदिर परिसर में स्थारनांतरित किया गया था।
2 करोड़ रूपये के निवेश के साथ धर्मशाला की नई सुविधाओं में 10 पूर्णत: सुसज्जित एयर-कंडिशनयुक्तथ कमरे और 5 रेगुलर कमरे शामिल हैं, ताकि श्रद्धालुओं को यहां पर आरामदायक माहौल मिल सके। धर्मशाला द्वारा लगभग 3,000 वर्गफीट के स्पे सियस एयर-कंडिशन्ड हॉल की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है, जिसका इस्तेकमाल विभिन्न धार्मिक त्यो्हारों एवं अवसरों के लिये किया जा सकता है। धर्मशाला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बंदरों से पूरी तरह से सुरक्षित है, क्योंोकि सभी खुले क्षेत्रों में लोहे की सलाखें लगाई गई हैं।
धर्मशाला का उद्घाटन औपचारिक रूप से ट्रस्टस के चेयरमैन श्री हरिकिशन जी मलानी द्वारा 5 सितंबर को किया गया। उद्घाटन के बाद से इसे श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया गया है।
ट्रस्टद द्वारा वर्तमान में 3 मंदिरों सहित 20 से ज्याादा प्रॉपर्टीज का परिचालन किया जाता है। इसका उद्देश्यत श्रद्धालुओं और भक्तोंव के लिये अधिक आरामदायक अनुभव सुनिश्चित करना है। इन प्रॉपर्टीज से होने वाली अधिकांश कमाई को स्वोर्गीय श्री रामगोपाल मलानी द्वारा दान कर दिया जाता था। इससे मंदिरों और सरायों का प्रबंधन करने में मदद मिलती है। इन प्रॉपर्टीज में सिकंदराबाद में स्थित जगन्नासथ मंदिर, सत्यजनारायण मंदिर और हनुमान मंदिर तथा मथुरा (उत्तटर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) और बसर (तेलंगाना) में स्थित 3 धर्मशाला शामिल हैं।
अब स्वऔर्गीय दिवान बहादुर रामगोपाल मलानी (ट्रस्टद के संस्थायपक) की 7वीं पीढ़ी के वंशज ट्रस्टन के मैनेजमेंट के प्रभारी हैं। ट्रस्टद द्वारा किये गये लोकपरोपकारी कामों के बारे में बताते हुये, श्री पुरूषोत्तंम मलानी, फाउंडर फैमिली ट्रस्टी् ने कहा, ”मलानी परिवार एक शताब्दी से भी अधिक समय से ढेरों लोकपरोपकारी कामों में योगदान दे रहा है, जिससे लोगों एवं समाज का भला हो रहा है। इस नजरिये से, हम अब सभी श्रद्धालुओं एवं भक्तों के लिये इसे सहज बनाने के लिये जरूरी कदम उठा रहे हैं। हम आधुनिक मानकों के अनुसार ट्रस्टध के सभी मंदिरों एवं प्रॉपर्टीज के विकास का काम देख रहे हैं।