शाहजहांपुर
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत की अर्जी को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। छात्रा ने शाहजहांपुर की एक कोर्ट में मंगलवार सुबह ही अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि एसआईटी छात्रा से पूछताछ की तैयारी कर रही है। छात्रा पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है।
कोर्ट में लॉ स्टूडेंट की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। चिन्मयानंद के वकील ने अग्रिम जमानत वाली याचिका का विरोध किया। लगभग 40 मिनट तक दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने छात्रा की अर्जी को मंजूर कर लिया है। पीड़िता के वकील ने बताया कि अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की गई है।
छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने सुनवाई के बाद जानकारी देते हुए बताया, ‘कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया है। अब दो दिन बाद मामले की सुनवाई होगी। छात्रा की गिरफ्तारी की खबरें भी झूठी हैं। अभी तक इस संबंध में किसी भी ऐक्शन की जानकारी नहीं है।’
इलाहाबाद हाई कोर्ट भी गई थी छात्रा
इससे पहले सोमवार को छात्रा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ के समक्ष अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने तब कहा था कि यदि पीड़िता कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है। अदालत ने कहा कि यह पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
चिन्मयानंद केस: हाई कोर्ट ने पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से किया इनकार
चिन्मयानंद और छात्रा के बीच 200 बार फोन पर बातचीत
बता दें कि SIT की जांच में छात्रा और चिन्मयानंद को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही SIT की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आरोप लगाने वाली छात्रा और चिन्मयानंद के बीच जनवरी 2019 से अगस्त महीने के बीच 200 बार फोन पर बातचीत हुई है। उधर, इन्हीं 8 महीनों के दौरान छात्रा और उसके साथी संजय के बीच 4200 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी।
SIT ने छात्रा के घर से सबूत इकट्ठा किए
आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया था कि SIT ने हर जरूरी डिजिटल साक्ष्य, दोनों पक्षों के फोन कॉल डीटेल जुटाए। घटनास्थल, संस्थान, पीड़िता के घर और हॉस्टल से भी साक्ष्य एकत्र किए। गाड़ियों के मूवमेंट, टॉल टैक्स बैरियर, दिल्ली और राजस्थान के होटलों से सीसीटीवी फुटेज, बैंक और एटीएम से रकम निकालने से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए हैं।