प्रसिद्ध अभिनेता राकेश बेदी के सोलो नाटक मसाज का मंचन
आम सभा, भोपाल। विश्वरंग अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव के अंतर्गत रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित युवा उत्सव के समापन के तीसरे दिन देश की सांस्कृतिक राजधानी भोपाल में विजय तेंदुलकर लिखित और बॉलीवुड और थिएटर आर्टिस्ट राकेश बेदी अभिनीत ‘मसाज’ नाटक का मंचन हुआ। नाटक की खासियत इसमें राकेश बेदी द्वारा 24 अलग-अलग किरादार निभाना रहा। इस नाटक की प्रस्तुति ने रवीन्द्र भवन सभागार के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लगभग दो घंटे का यह नाटक समाज के उन पक्षों को सामने लाता है, जिन पर यह सामाजिक तानाबाना खड़ा हुआ है और जिंदगी की व्यावहारिक सच्चाइयों को दर्शकों के सामने लाता है।
हालांकि नाटक में एक छोटे शहर से अपने सपनों को पूरा करने बड़े शहर आए एक आम आदमी और उसके संघर्ष की कहानी थी, लेकिन राकेश बेदी ने अपने लाजवाब अभिनय से लोगों का खूब दिल लूटा। उन्होंने बीच-बीच में कॉमेडी से जहां लोगों को हंसाया तो वहीं अलग-अलग किरदारों की आवाज बदल बदलकर पेश किया। कहीं कहीं उन्होंने अपने फेस एक्सप्रेशंस से बिना कहे ही बहुत कुछ कह दिया। इस पर दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से उन्हें जवाब दिया।
मसाज कहानी है एक छोटे शहर के आम शख्स हैपी कुमार की जो महानगरी मुंबई में अपने सपनों की तलाश में आता है। हैपी की जेब खाली हैं, लेकिन आंखों में सपना हीरो बनने का है। नाटक हैपी के किस्मत और बॉलीवुड में कलाकार बनने आने वालों के स्ट्रगल पर आधारित था। नाटक में हास्य का पुट भी था तो एक आम आदमी की अपने सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद भी दिखाई गई। मुंबई में उसकी मुलाकात फिल्में बनाने वाले निर्देशक कोहली से होती है। वह उसे अपना फोर्थ असिस्टेंट डायरेक्टर बना लेता है। इसके बाद हैपी को दिए जाते हैं फिल्म निर्देशन के दौरान कोहली के निजी काम करने को। इसके लिए उसे पगार भी नहीं मिलती। इससे परेशान होकर वह निर्देशक के पास जाता है और उसकी फिल्म में रोल मांगता है।
हालांकि वह उसे अपनी अगली फिल्म में छोटा सा रोल देने की बात कहता है, लेकिन इससे पहले वह उससे अपने निजी काम करवाता रहता है। हैपी मुंबई में गुजर बसर के लिए साथ-साथ एक नौकरी करता है। वह एक जिम में बतौर ट्रेनर काम शुरू करता है। वहीं साथ ही कोहली के साथ उसके फोर्थ असिस्टेंट के काम भी करता रहता है। काफी स्ट्रगल के बावजूद उसे फिल्मों में तो काम नहीं मिलता, लेकिन जिम के बतौर ट्रेनर वह खूब नाम कमा लेता है।
यहीं काम करते करते वह लोगों की मसाज करनी शुरू करता है। जिम में आने वालों को यह खूब पसंद आती है। इसके बाद हैपी जिम में ट्रेनर कम मसाज करने वाले के तौर पर ज्यादा चर्चित हो जाता है। यहीं से हैपी का सफर शुरू होता है एक मसाज करने वाले के तौर पर। मसाज करने वाले किरदार के तौर पर वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से रूबरू होता है। एक मसाज करने वाले के तौर पर हैपी खूब नाम और शोहरत कमाता है। नाटक के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
इस अवसर पर पी.सी. शर्मा माननीय मंत्री जनसंपर्क मध्य प्रदेश शासन बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने युवा उत्सव के सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा परिकल्पित विश्वरंग एक अनूठी पहल है। निश्चित ही इस अनूठे प्रयास से हिन्दी भाषाओं के साथ साथ भारतीय भाषाओं का महत्व भी बढ़ेगा। साथ ही श्रीमती जयश्री कियावत, आयुक्त स्कूल शिक्षा भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने मंत्री पी.सी. शर्मा, जयश्री कियावत और राकेश बेदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि युवा उत्सव, विश्वरंग अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव का एक पड़ाव है। इस तीन दिवसीय युवा उत्सव को भोपाल के दर्शकों द्वारा सराहा गया। और उन्होंने विश्वरंग के आगामी कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में इसके अलावा पुस्तक यात्रा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पांच शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस मौके पर आईसेक्ट के निदेशक व विश्वरंग के समन्वयक सिद्धार्थ चतुर्वेदी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. ग्वाल और कुलसचिव डॉ. विजय सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे।