जयति चक्रबर्ती ने दी रवीन्द्र संगीत की यादगार प्रस्तुतियां
आम सभा भोपाल। अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव के अन्तर्गत देश के पांच स्थानों भोपाल, खंडवा, बिलासपुर, हजारीबाग एवं वैशाली से निकली गई पुस्तक यात्रा सैकड़ों शहरों, गांव एवं कस्बों में पुस्तक संस्कृति की अलख जन जन में जगाते हुए आज अपने अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंची। मध्य प्रदेश की पुस्तक यात्रा आज रवींद्र भवन भोपाल पहुंची। यहां पर युवा उत्सव के भव्य शुभारंभ अवसर पर पुस्तक यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
जयति चक्रबर्ती की रवीन्द्र संगीत की प्रस्तुतियां
20 सितंबर की पहली शाम रवीन्द्र संगीत के नाम रही। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सुप्रसिद्ध गायिका जयति चक्रबर्ती ने अपने दल के साथ रवीन्द्र संगीत की यादगार प्रस्तुतियां दी। इसमें गीत के बोल थे…………।
जयति चक्रबर्ती के साथ संगतकार रहे
– कुणाल चक्रवर्ती – की बोर्ड पर
– सुब्रता बैनर्जी – गिटार
– सुबीर चक्रवर्ती – तबला
– कमल चक्रवर्ती – अक्टोपेड
नरसिंहगढ़ से आए प्रसिद्ध बरेलाल म्यूजिकल बैंड/ ग्रुप की प्रस्तुतियां
बैंड की प्रस्तुति रवीन्द्र भवन के बहिरांग में पूर्व रंग में हुई। इसके तहत बैंड ने उपशास्त्रीय संगीत पर आधारित पुराने यादगार सिनेगीत की कर्णप्रिए मधुर प्रस्तुतियों से शाम का समां बांधा। खास प्रस्तुतियां…
– आओ हुज़ूर तुमको सितारों पे ले चालू…. से शुरुआत। इसके बाद गीत गए
– होठों पे ऐसी बात…. (गाइड फिल्म)
– पिया तोसे नैना लागे रे…
– घर आया मेरा परदेसी…
– प्यार हुआ इकरार हुआ…
– सांसो की माला पे…
– मेरे डोलना…
– कुहू कुहू बोले कोयलिया….
इसमें मुख्य वादक मोहन बारेलाल और उनके सुपुत्र प्रवीण बारेलाल रहे जिन्होंने सैक्सोफोन को प्ले किया। उनके साथ संगत पर नाथूलाल, लक्ष्मीनारायण, राजेश, गोपाल, हाफ़िज़, अशोक कुमार आदि 28 लोग रहे।
इस अवसर पर वरिष्ठ कवि कथाकार श्री संतोष चौबे, कुलाधिपति रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल ने विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवम् कला महोत्सव तथा पुस्तक यात्रा पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला। इस अवसर पर माननीय श्री कमलेश्वर पटेल मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मध्य प्रदेश शासन ने विश्व रंग के लिए शुभकामनाएं देते हुए पुस्तक यात्रा को पुस्तक संस्कृति की दिशा में एक अविस्मरणीय पहल बताया।
कार्यक्रम का संचालन श्री बद्र वास्ती द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आईसेक्ट प्रकाशन द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी में शिक्षा, साहित्य, विज्ञान एवं सामाजिक सरोकारों पर केन्द्रित पुस्तकें सभी के आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। इस अवसर पर पुस्तक यात्रा पर केन्द्रित प्रदर्शनी को भी सभी के द्वारा सराहा गया।