आम सभा, भोपाल : भारतीय मजदूर संघ द्वारा सात सितंबर को भेल सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के विनिवेश एवं निजीकरन को रोकने प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को ज्ञापन सौपा गया। जिसमें भारी संख्या में भेल कर्मचारी अपनी भेल को बचाने हेतु बीएमएस का झंडा थामकर केंद्र सरकार के विनिवेश की नीति के खिलाफ फाउंड्री गेट से रैली के रूप में सांसद के घर पहुंचे। यूनियन के महामंत्री कमलेश नागपुरे ने सांसद महोदया को बताया कि केंद्र सरकार भेल के 5 प्रतिशत शेयर के विनिवेश (disinvestment) प्रक्रिया किया हुआ है जिसे तत्काल बंद कराने होगे।
सरकारी आकड़ों के मुताबिक सरकार ने पिछले 5 वर्षो में 2,78,610 करोड़ के सावर्जनिक क्षेत्र की संपातियों को बेचा है। रक्षा उत्पादन से लेकर तेल उत्पादन तक, रेल सेवा से लेकर विमान सेवा तक, दवाओं से लेकर स्कूली शिक्षा तक – सब कुछ लाभ बनाने वाले निजीकरन के उधम में तेजी से बदलने का प्रयास हो रहा है। सस्ती कीमतों पर सार्वजनिक क्षेत्र की इंकाइयों को निजी क्षेत्र के हाथो बेचना सभी सरकारो की चिरपरिचित नीति है। पिछली कोंग्रेसी सरकार ने 10 सालो के शासन में 1,08,000 करोड़ की सार्वजनिक क्षेत्र की संपातियों को बेच दिया था। वर्तमान सरकार ने इस नीति को नए उचाई पर पहुँचाते हुए सिर्फ 5 सालो में 2,78,000 करोड़ की संपति बेच दी साथ ही वर्ष 2019-20 का लक्ष्य 1,05,000 करोड़ का रखा है।
ऑपरेटिंग CPSU की संख्या 257 है जिसमें 22,73,969 कर्मचारी है वर्ष 2017-18 में 1,59,000 करोड़ का कुल लाभ हुआ, 76,578 करोड़ का डिविडेंड बाटा और 12,935 करोड़ डिविडेंड टैक्स के तौर पर भी दिया। CPSU देश की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए एक कवच है। इन उधमों द्वारा उत्पन्न लाभ, सरकार द्वारा सार्वजनिक हितलाभ के लिए उपयोग किए जाते है। एक बार CPSU के निजी हो जाने के बाद, सारे लाभ बड़े कॉरपोरेटस की ज़ेबो के हवाले हो जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र न केवल बड़ी संख्या में लोगो को रोजगार देता है बल्कि निजी क्षेत्र की तुलना में अधिक बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ भी प्रदान करता है। यह ओबीसी, एससी,एसटी के आरक्षण के लिए संवैधानिक जनादेश का भी पालन करता है, CPSU के निजीकरन के बाद यह सब समाप्त हो जाएगा।
अध्यक्ष विजय सिंह कठैत ने कहा कि राष्ट्र हित मे विनिवेश एवं निजीकरन को रोकना होगा, इसे रोका जा सकता है सभी वर्ग के कर्मचारियों को मिलकर संघर्ष करना होगा। हम सरकार से चाहते है की “विनिवेश एवं निजीकरन बंद करो, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करो, आत्म निर्भर अर्थव्यवस्था विकसित करो। हेवू- बीएमएस ने संगोष्टी 05 सितंबर के प्रदर्शन एवं 07 सितंबर को प्रधानमंत्री के नाम सांसद को ज्ञापन सौपने के अलावा 09 सितंबर से प्रधानमंत्री को ज्ञापन पोस्ट भेजना शामिल है।