नई दिल्ली:
करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता से पहले इस्लामाबाद ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) से खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को हटा दिया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कदम भारत के बढ़ते दबाव के बीच उठाया है।
गोपाल चावला को नवंबर 2018 में पाकिस्तान में करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास समारोह के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ हाथ मिलाते देखा गया था। बाद में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भी उसकी तस्वीर सामने आई थी, जो पंजाब सरकार के मंत्री की हैसियत से इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सिद्धू के साथ आई चावला की तस्वीर को लेकर भारतीय राजनीति में खूब हंगामा मचा था, जिस पर सफाई देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था कि पाकिस्तान दौरे के दौरान उनकी कई तस्वीरें ली गईं और उन्हें नहीं पता कि गोपाल सिंह चावला कौन है।
करतारपुर पर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होने जा रही है, जिससे ठीक पहले उसने चावला को PSGPC से हटा दिया है। चावला उस कमेटी का हिस्सा था, जिसकी करतारपुर कॉरीडोर के संचालन में अहम भूमिका है। कमेटी से भारत-विरोधी और खालिस्तान समर्थक माने जाने वाले मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिसन सिंह और कुलजीत सिंह को भी हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि एक नई कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें कोई भी खालिस्तान समर्थक शामिल नहीं होगा। करतारपुर कॉरीडोर पर आगे बढ़ने से पहले भारत कई मौकों पर पाकिस्तान के समक्ष खालिस्तानी चरमपंथियों और उसके समर्थकों की वहां मौजूदगी को लेकर अपनी चिंता जता चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कदम भारतीय दबाव के कारण उठाया है।
कौन है गोपाल सिंह चावला?
गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का महासचिव रह चुका है, जिसके तार 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से भी जुड़े रहने की बातें सामने आई हैं। उसे कई मंचों पर हाफिज के साथ देखा गया है। इतना ही नहीं वह भारत के खिलाफ बयानबाजियां भी करता है। 2017 में उसने भारत के पंजाब में खालिस्तानी चरमपंथ को फिर से जिंदा करने की बात कही थी। चावला का नाम नवंबर 2018 में पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के साथ बदसलूकी के मामले में भी सामने आ चुका है।