गुरुवार शाम जब नरेंद्र मोदी के साथ उनकी सरकार के 57 मंत्रियों ने शपथ ली तो एक शख्स ऐसे भी थे जिनके मंच पर आते ही तालियों की गड़गड़ाहट तेज़ हो गई. राष्ट्रपति भवन में मौजूद आठ हज़ार लोगों ने इस 64 साल के बुज़ुर्ग का ज़ोरदार तरीके से अभिवादन किया.
साधारण कपड़े पहने, कमज़ोर से दिखने वाले, बाल बिखरे हुए और लंबी दाढ़ी वाले इस शख्स का नाम प्रताप चंद्र सारंगी है जो ओडिशा के बालासोर से पहली बार सांसद चुनकर आए हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें राज्य मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. ये दूसरी बार था जब सारंगी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे थे. हाल ही में ट्विटर पर उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई जिसमें वो दिल्ली आने से पहले अपने साधारण से घर में एक साधारण से दिख रहे बैग में कुछ कपड़े रखते देखे गए.
साधारण व्यक्तित्व
ओडिशा में सारंगी एक सीधे-साधे विनम्र, स्वतंत्र विचारों वाले राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं. सारंगी का जन्म नीलिगिरी से सटे गोपीनाथपुर गांव के एक गरीब परिवार में 4 जनवरी 1955 में हुआ. मोदी की तरह सारंगी भी युवावस्था में संन्यासी बनने की राह पर निकल पड़े थे.
एक बार एक टेलीविजन इंटरव्यू में सारंगी को पूछा गया था कि वह अविवाहित या ब्रह्मचारी हैं. उन्होंने तुरंत जवाब दिया अविवाहित लेकिन ब्रह्मचारी नहीं. इंटरव्यू में सारंगी ने बताया कि 28 साल की उम्र में वो आध्यात्म की ओर जाने के लिए बेलूड़ मठ के रामकृष्ण मिशन से जुड़ना चाहते थे. स्वामी आत्मस्थानंद से मिलने में भी वह सफल रहे, लेकिन उन्होंने सारंगी से पूछा लिया कि क्या उनपर कोई आश्रित है.
सारंगी ने उन्हें बताया कि उनकी एक बूढ़ी और विधवा मां हैं जो उनपर आश्रित हैं. इस पर स्वामी जी ने सुझाव दिया कि वह मां की देखभाल करें. इसके बाद सारंगी आजीवन अविवाहित रहे और पिछले साल उनकी मां के निधन होने तक उनकी देखभाल करते रहे.
तटीय ओडिशा की राजनीति में जाने माने चेहरे, सारंगी ने ओडिशा के दो सबसे अमीर उम्मीदवारों के खिलाफ साइकिल पर घूम-घूमकर चुनाव प्रचार किया. जहां राज्य के कांग्रेस प्रमुख निरंजन पटनायक के बेटे नवज्योति पटनायक के पास 104 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है, वहीं बीजेडी के सांसद रवीन्द्र जेना की संपत्ति लगभग 72 करोड़ रुपए है.
अपने चुनावी हलफनामे में सारंगी ने 1.5 लाख रुपए की चल संपत्ति और 15 लाख रुपए की अचल संपत्ति घोषित की थी. उनकी आमदनी का ज़रिया पेंशन और खेती है और उन पर सात आपराधिक मामले दर्ज़ हैं.
प्रताप चंद्र सारंगी स्थानीय स्तर पर कई सामाजिक कार्यों जैसे शिक्षा और शराब विरोधी अभियान से जुड़े रहे हैं. उन्होंने बालासोर और मयूरभंज जिलों में गण शिक्षा मंदिर योजना के तहत आदिवासी गांवों में संस्कार केंद्र खोले थे.
बजरंग दल और वीएचपी से जुड़े रहे
सारंगी ने ओडिशा बजरंग दल के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है और उससे पहले वह राज्य में विश्व हिन्दू परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य भी रहे हैं. चुनाव अभियान के दौरान चिटफंड घोटाला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे के साथ सारंगी ने घर-घर जाकर प्रचार किया. जिसकी वजह से वह एक कड़े मुकाबले में 12,956 वोटों से जीत गए.
सारंगी दो बार चुनकर ओडिशा विधानसभा भी पहुंच चुके हैं. 2004 में वह बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुने गए और बाद में 2009 में बालासोर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले नीलिगिरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी चुने गए.