नई दिल्ली : आम चुनाव 2019 का बिगुल फूंका जा चुका है. चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में आचार संहिता लागू हो गई है और नई सरकार का काउंटडाउन जारी है. ये चुनाव बेहद ही खास होने वाला है, एक तरफ नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी दोबारा सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. तो वहीं कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में सत्ता में वापस आने की कोशिश करेगी.
लोकसभा चुनाव से पहले कई मुद्दे हैं जिनको लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने हैं और जो लोकसभा चुनाव की दशा-दिशा तय कर सकते हैं. इसके अलावा भाजपा-कांग्रेस के सामने कई ऐसी चुनौतियां भी हैं, जिनका सामना उन्हें आने वाले 70 दिनों में करना है.
क्या हैं सबसे बड़े मुद्दे
1. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा चरम पर
पुलवामा आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा चरम पर है. एक तरफ भाजपा कह रही है कि उन्होंने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है और उनके कार्यकाल में एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और एक बार एयरस्ट्राइक की गई है. तो वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे पर हमलावर है और मोदी सरकार पर राफेल डील में घोटाले का आरोप लगा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख अपने सहयोगियों को फायदा पहुंचाया.
2. अन्नदाता के साथ कौन?
पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा लेकर सत्ता में आई मोदी सरकार ने चुनाव से ऐन पहले किसानों को पैकेज का ऐलान किया. नई योजना के तहत छोटे किसानों के खाते में सालाना 6000 रुपये दिए जा रहे हैं, जिसको लेकर बीजेपी दम ठोक रही है. तो वहीं कांग्रेस भी लगातार किसानों की बदहाली का मुद्दा उठा रही है और आरोप लगा रही है कि बीते 5 साल में किसानों की खुदकुशी के मामले में बढ़ोतरी हुई है.
3. अबकी बार, रोजगार पर रार!
बीजेपी की ओर से अर्थव्यवस्था के मसले पर जीएसटी और नोटबंदी के मुद्दे को फ्रंटफुट पर रख कर आगे बढ़ा जा रहा है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी रोजगार के आंकड़ों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने जो हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, उसमें वह फेल रही है.
4. परिवारवाद बनाम योजनाओं की नाकामी!
परिवारवाद के मुद्दे को लेकर बीजेपी बीते काफी समय से कांग्रेस को घेरती आई है, फिर चाहे राहुल गांधी का अध्यक्ष बनना हो या फिर हाल ही में प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीति में एंट्री. हर बार बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधा गया है. तो वहीं कांग्रेस भी सरकार को उनकी योजनाओं की नाकामियों पर घेरने में जुटी है, इसमें सबसे बड़ा मुद्दा मेक इन इंडिया का है. इसके अलावा भी किसान, दलित, महिला सुरक्षा आदि को लेकर भी निशाना साधना जारी है.
5. जाति पर छिड़ गई रार!
कांग्रेस की ओर से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार के राज में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है. फिर चाहे वह ऊना की घटना हो या फिर रोहित वेमुला का मामला है, पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा भी शामिल है. तो वहीं बीजेपी की ओर से आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण पर भी दम ठोका जा रहा है, बीजेपी को भरोसा है कि उनके इस दांव से सवर्ण वोटर उनके पक्ष में वोट देंगे.
6. मंदिर कौन बनाएगा?
राम मंदिर का मुद्दा 1990 के बाद से ही हर चुनाव का मुद्दा रहा है, हालांकि इस बार मामला सुप्रीम कोर्ट में है और मध्यस्थता की ओर बढ़ चुका है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा वीएचपी समेत अन्य हिंदू संगठन राम मंदिर निर्माण को लेकर आक्रामक हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी पिछले कुछ चुनावों में सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ी है. राहुल गांधी गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत कई विधानसभा चुनाव में मंदिर-मंदिर माथा टेकते हुए नजर आए हैं.