हिमाचल प्रदेश की ज्वलेरी भा रही है ग्राहकों
ट्रायफेड जनजातिय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित 10 दिवसीय आदि महोत्सव का यह तीसरा दिन था। आज का दिन रविवार होने की वजह से सुबह से ही लोग भोपाल हाट पहुचने लगे और दिन भर खरीददारी के साथ आदिवासी व्यंजनों का लुत्फ उठाते रहे।
आज के दिन नीलगीरी हिल्स तमिलनाडू से लाये गये आरर्गेनिक मसालों के नाम रहा जहां से लोगों ने लोंग इलाईची, काली र्मिच आदि को खूब पसंद किया।
हिमाचल प्रदेश की परंम्परिक ज्वेलरी
भोपाल हाट में चल रहे आदि महोत्सव में आदिवासियों द्वारा बनाये गये राज्यों के हिसाव से वहा ंकी संस्कृति और कलाकृतियों को कपड़ों और ज्वेलरी में उकेरा है। अनेक स्टॉलों में हिमाचल प्रदेश के स्टॉल में वहां के पारम्परिक ज्वेलरी रखी हुई है। जिसमें स्टाईल्स झुमके महिलाओं को खूब पसंद आ रहे है।
शाम 6.00 बजे से विभिन्न जनजातिया कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इसमंें मध्यप्रदेश के गांेड कलाकारों द्वारा शैलाकरमा नृत्य, महाराष्ट्र का कोकनी नृत्य, आंधप्रदेश का तपटटे गुल्लू नृत्य और कर्नाटक का डोलूकूनिथा व सौहमना कूनिथा नृत्य प्रस्तुत किये गये। जिनको आगन्तुकों ने बहुत सराहा।
आदिवासी खान-पान व्यंजनों में तमिलनाडू से आई रागी पपड़ी व इनके द्वारा बनाई जा रही इटली डोसा को खूब पसंद किया गया। पातालकोट के भारियां जनजाति द्वारा बनाई गई मक्का की रोटी और बटरा की दाल भी खास आकर्षण का केन्द्र रही।