नई दिल्ली
नई गाड़ी खरीदने के बाद अब आपको हाइ-सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, ना ही वेंडर से उसे लगावाने का इंतजार करने की जरूरत पड़ेगी। सड़क परिवहन मंत्रायल ने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के लिए गाड़ी के साथ ही एचएसआरपी देना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही गाड़ी बेचने से पहले यह नंबर प्लेट उस पर लगाना डीलर्स के लिए जरूरी होगा। यह व्यवस्था अप्रैल 2019 से लागू होगी।
वाहन निर्माता कंपनियां थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क भी बनाएंगी, जिसमें गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले फ्यूल के लिए कलर कोडिंग भी होगी। गाड़ी के शोरूम से बाहर निकलने से पहले अधिकृत डीलर्स इन्हें गाड़ी की विंड शील्ड पर लगाएंगे। वहीं, दूसरी ओर मौजूदा वाहनों के लिए सरकार के नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘पुराने वाहनों पर रजिस्ट्रेशन मार्क लगने के बाद वाहन निर्माता कंपनी की ओर से सप्लाई किए गए ऐसे नंबर प्लेट को कंपनी के डीलर्स भी लगा सकते हैं।’
चोरों से सुरक्षित होंगी गाड़ियां
हाइ-सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट पांच साल की गारंटी के साथ आएंगे। थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क ऐसा होगा कि एक बार निकाले जाने के बाद यह खराब हो जाएगा। स्टिकर में रजिस्ट्रेशन करने वाली अथॉरिटी, रजिस्ट्रेशन नंबर, लेजर-ब्रैंडेड परमानेन्ट नंबर, इंजन नंबर और चेसिस नंबर की डीटेल होगी, जो वाहन को चोरों से सुरक्षित बनाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण करने वाले वाहनों की तुरंत पहचान के लिए फ्यूल की कलर कोडिंग स्कीम को मंजूरी दे दी है।
देशभर में होगा लागू
एक अधिकारी ने कहा, ‘हाइ-सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की कीमत गाड़ी की कीमत में ही शामिल होगी। एक खास नंबर के साथ ये रजिस्ट्रेशन प्लेट्स सरकार के वाहन डेटा से लिंक होंगे। यह नई योजना वाहन मालिकों को काफी राहत देगी, क्योंकि उन्हें किसी भी तरह के हैरसमेंट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसे देशभर में लागू किया जाएगा।’
नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में मिलेगी चुनौती
उधर, असोसिएशन ऑफ रजिस्ट्रेशन प्लेट्स मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 में ही एचएसआरपी को पूरी तरह लागू करने का आदेश दिया था। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत करीब एक दर्जन राज्यों ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है।