मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर में राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दौरे के दूसरे दिन शनिवार को सागर और दमोह में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और शिवराज सरकार पर जमकर हमला किया.
राहुल ने दमोह की रैली में संबोधित करते हुए कहा, ‘मोदी और शिवराज में एक फर्क है. शिवराज जी तमीज से बोलते हैं और नरेंद्र मोदी जी तमीज से बोलना नहीं जानते हैं. दुख होता है कि वो देश के प्रधानमंत्री हैं, उन्हें देश की जनता ने चुना है, लेकिन मैं उनके खिलाफ एक भी शब्द गलत नहीं बोलूंगा.’
भ्रष्टाचार किया लेकिन विकास नहीं
उन्होंने कहा कि शिवराज आक्रमण करते हैं, लेकिन वह तमीज से बोलते हैं. नरेंद्र मोदी तमीज से बोलना नहीं जानते. दुख की बात है. वह कुछ भी बोले देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन राहुल गांधी उनके बारे में बदतमीजी से कभी नहीं बोलेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि शिवराज जी से हम लड़ रहे हैं खुलकर और भयंकर लड़ाई हो रही है. मगर वो तमीज से बोल रहे हैं. फर्क है दोनों में. आप कहेंगे राहुल गांधी चीफ मिनस्टर की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई है तो बोलना पड़ेगा. भ्रष्टाचार जरूर किया है पर उन्होंने विकास नहीं किया, लेकिन व्यक्ति तमीज से बात करता है.
राहुल गांधी ने कहा कि शिवराज ने 15 साल राज किया, कमियां तो हैं. गलतियां तो की हैं. शिवराज सरकार जले हुए तवे की तरह खराब हो गई है. ऐसे में अब एक ही रास्ता बचा है. हाथ से पुराने तवे को उठाकर बाहर फेंकना है.
राहुल ने कहा कि अब पीएम के भाषण में न किसानों की बात होती है, न युवाओं के रोजगार की बात होती और न ही भ्रष्टाचार की बात. अब हो नफरत की बात करते हैं. गुस्से में बात करते हैं और झूठ में बोलते हैं. इसका कारण है नरेंद्र मोदी जानते हैं जो भरोसा किसानों युवाओं के थे वो टुट गए हैं. अब जब मोदी के भाषण जनता सुनती है तो उनकी तरफ देखती है तो कहती देखो ये झूठ बोलने आया है. उनकी मन की बात को मोदी समझते हैं तो वो हमारे परिवार और पार्टी को बुरा भला कहने लगते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि व्यापम घोटाले का पूरा फायदा आरएसएस के लोगों और शिवराज सिंह चौहान के परिवार को मिला है. राहुल ने कहा, ‘मैंने जब गलती से पनामा पेपर में शिवराज चौहान जी के बेटे का नाम लिया तो तुरंत मानहानि का मामला दर्ज करा दिया, लेकिन जब व्यापम, डंपर कांड, ई-टेंडरिंग में उनका नाम लिया तब मानहानि का मामला क्यों नहीं दर्ज कराया?
बीजेपी का CM चोरी करने में जुटा
राहुल ने कहा कि हर प्रदेश में बीजेपी का मुख्यमंत्री कोई न कोई चोरी करने में जुटा है. राजस्थान की मुख्यमंत्री के बेटे ने ललित मोदी से पैसा लिया, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे का नाम पनामा पेपर में आया तो यहां शिवराज चौहान व्यापम, डंपर कांड और ई-टेंडरिंग में है.
राहुल गांधी ने कहा कि एक महिला ने हमारे पार्टी के कार्यकर्ता से कहा कि रसोई का तावा 10 साल में खराब हो जाता है. उस पर पकायी रोटी जल जाती है. इसी तरह से शिवराज सिंह चौहान की सरकार तावा जैसे खराब हो चुकी है. अब हाथ से तावे को उठांकर बाहर फेंकना है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया में तेल के दाम गिरते जा रहे हैं, लेकिन जब मध्य प्रदेश का युवा स्कूटर, मोटर साईकिल में पेट्रोल भरवाता है तो उसकी जेब से पैसा निकलकर सीधा नीरव मोदी, विजय माल्या की जेब में जाता है.
राहुल गांधी मध्य प्रदेश के सागर, दमोह और टीकमगढ़ जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष पहली रैली सागर में सुबह साढ़े 11 बजे संबोधित करेंगे. इसके बाद दोपहर 1 बजे दमोह और 2.30 बजे टीकमगढ़ के विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा को संबोधित करेंगें.
बता दें कि राहुल गांधी ने राज्य में 15 साल से सत्ता के वनवास झेल रही कांग्रेस की वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. इस कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने विदिशा, रायसेन और सीहोर में चुनावी जनसभा करके पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लिया था.
रायसेन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि अब मोदी भाषण करते हैं तो जनता यूं देखती है कि मीटिंग कब खत्म होगी. राहुल ने कहा कि सबसे बड़ा घोटाला नोटबंदी है. यदि नोटबंदी काले धन के खिलाफ लड़ाई थी तो लाइन में सिर्फ किसान, मजदूर और छोटे व्यापारी क्यों दिखे, सूट-बूट वाले क्यों नहीं दिखे.
राहुल ने कहा कि मोदी ने 3.5 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिए. मनरेगा चलाने के लिए साल के 35 हजार करोड़ रुपए लगते हैं. ऐसे 10 मनरेगा के लिए उन्होंने 15 लोगों के 3.5 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिए. राज्य के युवा खासकर यहां इस विधानसभा क्षेत्र के युवा कहते हैं कि मोदी जी यहां हमारी इंडस्ट्री बंद हो गई जो पहले था वो खत्म हो गई, रोजगार खत्म हो गए. यहां आपने कितना पैसा लगाया, उसका कोई जवाब नहीं.
राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके ऑफिस गए और उन्होंने किसानों की कर्जमाफी की बात कही तो प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं बोला.