नई दिल्ली
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनौती दी है. अस्थाना ने डीओपीटी के उस आदेश को रद्द करने की गुहार लगाई है, जिसमें उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने का आदेश दिया गया है.
अस्थाना ने अपनी याचिका में खुद को ‘पीड़ित’ बताते हुए विस्तृत जांच की मांग की. 24 अगस्त को आलोक वर्मा के खिलाफ उनकी शिकायत को गंभीरता से जांचने के साथ ही उन्होंने वर्मा को सीबीआईचीफ पद से हटाने की मांग की है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी उनकी ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. अस्थाना की याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अलग से याचिका दायर करने का आदेश दिया. इस पर रोहतगी ने कहा कि याचिका पहले से डली है, इस पर सोमवार को सुनवाई की जाए.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच की निगरानी के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज ए.के. पटनायक की नियुक्ति की. इस मामले की पूरी जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को दो सप्ताह का समय दिया गया है.
आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि किस आधार पर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया है. इस मामले में अब 12 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस स्थिति में बस इस मामले पर सुनवाई होगी कि ये प्रथम दृष्टया केस बनता है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव की नियुक्ति पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं. वह सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे. नागेश्वर राव ने 23 अक्टूबर से अभी तक जो भी फैसले लिए हैं, उन सभी को सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा.