- प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात कार्यक्रम देशवासियों से सीधे संवाद का प्रभावी माध्यम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- PM मोदी ने स्वच्छता के लिए भोपाल की टीम सकारात्मक सोच और बुंदेलखण्ड के ऐतिहासिक किलों का किया उल्लेख
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मन की बात कार्यक्रम का भोपाल में श्रवण किया, स्थानीय रहवासियों के साथ लगाया बरगद का पौधा
- 10 अगस्त को होगा भोपाल की सीमा के पास विशाल रेल कोच निर्माण इकाई का भूमि पूजन
- भोपाल की बसाहट के पास बना रातापानी अभयारण विश्व में अनूठा
- भोपाल के वार्ड 50 स्थित गुलमोहर कालोनी में हुआ कार्यक्रम
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा "मन की बात" कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के ऐतिहासिक किलों की विशिष्टता और भोपाल की स्वच्छता के प्रति जागरूक महिलाओं की सराहना कर उत्साहवर्धन और प्रेरणा प्रदान करना दिव्य ऊर्जा और नवसंकल्प से अभिभूत करता है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जन-जन की शक्ति को राष्ट्र के नव निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी सफलता मिली, कारगिल विजय दिवस भी हमारी सेना के शौर्य के स्मरण का महत्वपूर्ण अवसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन-जन को समर्थ बनाने के लिए राज्य सरकार रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में कार्य कर रही है। मेहनतकश लोगों के लिए उद्योगों के रूप में मंदिर बनाने का क्रम राज्य में निरंतर जारी है। भोपाल की सीमा के पास रायसेन में विशाल रेल कोच निर्माण इकाई का भूमिपूजन 10 अगस्त को होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को "मन की बात" के 124वें संस्करण का भोपाल के वार्ड क्रमांक 50 स्थित शील पब्लिक स्कूल में स्थानीय रहवासियों के साथ श्रवण करने के बाद यह विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर स्थानीय रहवासियों के साथ बरगद का पौधा भी रोपा।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि" भोपाल की एक टीम का नाम 'सकारात्मक सोच' है, इसमें 200 महिलाएं हैं। ये सिर्फ सफ़ाई नहीं करती, सोच भी बदलती हैं। एक साथ मिलकर शहर के 17 पार्कों की सफ़ाई करना, कपड़े के थैले बाँटना, इनका हर कदम एक संदेश है। ऐसे प्रयासों की वजह से ही भोपाल भी अब स्वच्छ सर्वेक्षण में काफी आगे आ गया है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "बुन्देलखंड में ऐसे कई किले हैं, ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार, चंदेरी। ये किले सिर्फ ईंट-पत्थर के नहीं हैं, ये हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। संस्कार और स्वाभिमान, आज भी इन किलों की ऊंची-ऊंची दीवारों से झांकते हैं। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूँ कि इन किलों की यात्रा करें, अपने इतिहास को जानें, गौरव महसूस करें।"
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए एकत्र हुए स्थानीय रहवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात कार्यक्रम, देशवासियों से सीधा संवाद स्थापित करने का प्रभावी माध्यम बन गया है और इससे देशभर की प्रेरणादायक जानकारियां मिलती हैं, जो राष्ट्र निर्माण के मार्ग में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। असम के काजीरंगा पार्क में हो रही पक्षियों की गणना हो या गुप्त गोदावरी में चल रहा स्वच्छता अभियान, मन की बात कार्यक्रम से जनता की इस तरह की पहल से पूरा देश अवगत होता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल ने स्वच्छता में रैंकिंग से जो अपनी पहचान बनाई है उसके लिए भोपाल वासी बधाई के पात्र हैं। भोपाल के रातापानी अभयारण को डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर नाम दिया गया है, यह अभयारण अपने आप में विशिष्टता लिए हुए हैं। नगरीय बसाहट के 15 किलोमीटर दूरी पर टाइगर अभयारण होना विश्व में अनूठा है। यह 'जियो और जीने दो' की संस्कृति व वन्य प्राणी और मनुष्य के सह अस्तित्व की भावना का जीवंत उदाहरण है। यह बताता है कि हम समूची पृथ्वी को एक कुटुंब की तरह देखते हैं और प्रकृति के साथ परमात्मा को जोड़ते हुए "वसुधैव कुटुम्बकम" के भाव का पालन करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सावन का महीना रक्षाबंधन का त्योहार लेकर आता है। राज्य सरकार ने इस अवसर पर लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने के लिए अतिरिक्त रूप से 250 रुपए की राशि बहनों को शगुन के रूप में देने का निर्णय लिया है। प्रदेश की एक करोड़ 29 लाख बहनों के खाते में यह राशि डाली जाएगी। भारतीय संस्कृति में विद्यमान त्योहारों की परंपरा जीवन को सकारात्मक व आनंददाई बनाते हुए परिवार परंपरा को सशक्त करती है। हमारी संस्कृति मातृ प्रधान संस्कृति है, हम सृष्टि में भी माता का रूप देखते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की सावन माह का प्रत्येक दिन, रक्षाबंधन के भाव से मनाया जाए। हमारे त्यौहार सामाजिक समरसता का प्रतीक है, इन्हें इसी भाव से मनाना चाहिए। इसीलिए सभी त्यौहारों को राज्य सरकार के माध्यम से मनाने का संकल्प लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की माहेश्वरी और चंदेरी साड़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भी बहन-बेटियों को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर इन्वेस्टर समिट का क्रम निरंतर जारी है। शनिवार को रीवा में हुई समिट में 3000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर राज्य सरकार, उद्योग समूहों को विशेष सहायता उपलब्ध करा रही है। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष रविन्द्र यति, सामाजिक कार्यकर्ता राहुल कोठारी, गुलमोहर रहवासी संघ के पदाधिकारी तथा स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।