बेंगलुरु
बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ आपराधिक मामले दायर करने की मंजूरी दे दी है. ये फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में जस्टिस माइकल डी'कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद लिया गया है. आयोग की इस रिपोर्ट में कई अनियमितताओं और गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है, जिसके आधार पर ये कार्रवाई की जा रही है.
जस्टिस माइकल डी'कुन्हा की अध्यक्षता में गठित आयोग ने आरसीबी और केएससीए से जुड़े विभिन्न मुद्दों की गहन जांच की थी. इस जांच में वित्तीय अनियमितताओं, प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और अन्य गंभीर उल्लंघनों के सबूत सामने आए. आयोग की रिपोर्ट में इन संगठनों द्वारा नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जिसे मंत्रिमंडल ने गंभीरता से लिया.
मंत्रिमंडल की बैठक में इस रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और इसके आधार पर आरसीबी और केएससीए के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का फैसला लिया गया है. ये कदम खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
RCB की लापरवाही पर सवाल
ट्रिब्यूनल ने आईपीएल फ्रेंचाइजी RCB की कड़ी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने पुलिस की मंजूरी के बिना अपनी जीत के जश्न की घोषणा की थी, जिसके बाद भारी भीड़ उमड़ी और ये हादसा हुआ. ट्रिब्यूनल ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास की निलंबन आदेश को रद्द करते हुए कहा कि RCB ने अचानक सोशल मीडिया पर जश्न की घोषणा की, जिसके कारण लगभग तीन से पांच लाख लोग जमा हो गए.ट्रिब्यूनल ने कहा, ‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि RCB तीन से पांच लाख लोगों के जमा होने के लिए जिम्मेदार है. RCB ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली. अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और इसके बाद भीड़ जमा हो गई.’
सरकार को झटका, आपराधिक मामला दर्ज
ट्रिब्यूनल का ये फैसला कर्नाटक सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका है. कर्नाटक सरकार ने इस हादसे के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले खुफिया विभाग की आलोचना करते हुए कहा था, ‘अगर खुफिया विभाग समय पर और सटीक जानकारी नहीं दे सकता, तो इसका क्या फायदा?’ RCB अधिकारियों, KSCA और डीएनए एंटरटेनमेंट के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. कई इवेंट मैनेजर्स को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई. इस बीच, कर्नाटक हाईकोर्ट इस हादसे की सुनवाई कर रहा है.