- इंदौर का स्वच्छता मॉडल बना ग्लोबल आइकन, 50 देशों के प्रतिनिधि हुए प्रेरित
- इंदौर की सफाई को कांग्रेस सांसद ने बताया मिसाल, कहा – यूरोप नहीं, यहां से सीखें
- स्वच्छता में नंबर वन इंदौर ने अनोखे अंदाज़ में मनाया जश्न, आतिशबाजी के बाद खुद की सफाई, जिम्मेदारी भी निभाई
इंदौर
पिछले कई वर्षों से ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ में सबसे साफ शहर बनकर उभरा इंदौर अब वैश्विक स्तर पर स्वच्छता के लिए जाना जाने लगा है। इसके सख्त सफाई और कचरा प्रबंधन नीतियों ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी बना दिया है, जहां दुनियाभर के देश अपने प्रतिनिधियों को भेजकर इसकी प्रणाली सीखने की प्रेरणा पा रहे हैं। कुछ साल के अंदर कई दल इंदौर आ चुके हैं और उन्होंने यहां से सीखी स्वच्छता की बातों को अपने देशों में भी लागू किया है। अब तक देश के अलग अलग शहरों के 100 से अधिक प्रतिनिधि स्वच्छता मॉडल को देखने के लिए आ चुके हैं।
दुनियाभर के 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भी यहां पर आकर स्वच्छता के गुर सीख चुके हैं। फ्रांस से लेकर फिजी और जाम्बिया तक के देशों ने इंदौर के सफाई मॉडल पर विश्वास दिखाया है। देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों ने इसकी उत्कृष्टता को सराहा और उसे सीखने की इच्छा जताई है, जो स्वच्छ भारत और ग्लोबल सिटी मॉडल की दिशा में एक मजबूत कदम है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भी स्वच्छता रही मुख्य आकर्षण
साल 2023 में इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान दुनियाभर के देशों से लोग इंदौर आए। यहां पर सभी के लिए स्वच्छता आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। विदेशी दलों को नगर निगम की टीम पर्यटन स्थलों के साथ में स्वच्छता के मुख्य केंद्रो पर भी ले गई।
बांग्लादेश ने भेजा विशेष दल
बांग्लादेश के ज्वाइंट सेक्रेटरी निरोद चंद्र मंडल के नेतृत्व में 13 बांग्लादेशी प्रतिनिधियों का दल इंदौर आया। इन्होंने शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी इकट्ठा की। इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट सिस्टम को भी समझा बारीकी से समझा।
विदेशी प्रतिनिधिमंडल आए
22 सदस्यीय विदेशी टीम इंदौर आई। यह 6 अलग-अलग देशों से थी। इन्होंने इंदौर के बायो‑CNG संयंत्र, घर-घर कूड़ा संग्रह, कंपोस्टिंग समाधान और सफाई स्टाफ की प्रशिक्षण विधियों का ज्ञान साझा किया। इस टीम में यह देश शामिल थे…
फ्रांस (France)
उरुग्वे (Uruguay)
फिजी (Fiji)
जाम्बिया (Zambia)
ग्वाटेमाला (Guatemala)
होंडूरस (Honduras)
प्रदेशों ने भी भेजे अपने दल
उत्तर प्रदेश का एक दस-सदस्यीय दल जिसमें “Safai Mitra” एवं राज्य के अधिकारी शामिल थे, नवंबर 2022 में इंदौर आया। उन्होंने इंदौर की बायो-CNG संयंत्र सुविधा को समझा और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल की पूरी जानकारी ली और अपनी नगरपालिकाओं में इसके मॉडल को लागू करने की योजना बनाई। हैदराबाद की मेयर और 40 GHMC निगम सदस्य सितंबर 2024 में आए, ताकि इंदौर के door-to-door collection, स्रोत पर कचरा विभाजन (segregation), और सफाई कर्मचारियों के सशक्त बनावट मॉडल को सीख सकें।
इन सभी दलों ने इंदौर के कई पहलुओं को समझा, जिनमें मुख्य रूप से यह बातें शामिल थी…
wet waste से bio-CNG उत्पादन, बायो‑CNG संयंत्र (Asia's largest)
dry waste का पुनः उपयोग
100% door-to-door कचरा संग्रह
होम कंपोस्टिंग टेक्निक
zero-landfill नीति
सफाई संगठनों (Safai Mitras) की कार्यप्रणाली
'Reduce‑Reuse‑Recycle' मॉडल
आईआईएम ने शुरू किया कोर्स, देशभर से आ रहे अधिकारी
इंदौर आईआईएम द्वारा शुरू की गई पहल अन्वेषण से देशभर में स्वच्छता के लिए जागरूकता बढ़ रही है। अन्वेषण आईआईएम इंदौर द्वारा चलाया जा रहा कोर्स है जिसमें देशभर के निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी स्वच्छता से जुड़ी ट्रेनिंग लेते हैं। अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश (WASH: Water, Sanitation and Hygiene – जल, स्वच्छता और सफाई) पर केंद्रित अन्वेषण की कई बैच निकल चुकी हैं। चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के कई राज्यों के नगर निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं। अन्वेषण की यह बैच अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के माध्यम से देशभर के अधिकारियों को एक मंच पर लाने का काम करती है। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि का उपयोग कर सभी अधिकारी अपने संबंधित शहरों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को लागू कर रहे हैं। इससे स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।
इंदौर की सफाई को कांग्रेस सांसद ने बताया मिसाल, कहा – यूरोप नहीं, यहां से सीखें
इंदौर का स्वच्छता का डंका न सिर्फ देश में बल्कि दुनियाभर में बजता है। भारत में ही हर पार्टी के नेता इंदौर की स्वच्छता के गुर सिखाने के लिए अपने दल भेजते रहते हैं। समय समय पर देशभर के जनप्रतिनिधि इंदौर की तारीफ भी करते रहते हैं।
कांग्रेस सांसद बोले स्वच्छता सीखने यूरोप क्यों जा रहे, इंदौर जाइए
इस साल मार्च में चेन्नई का विशेष दल स्वच्छता के गुर सीखने यूरोप जा रहा था। कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम इस पर नाराज हो गए और कहा कि चेन्नई नगर निगम के अधिकारियों को कचरा प्रबंधन के गुर सीखने के लिए यूरोप क्यों जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले इंदौर का दौरा किया जाना चाहिए।
रायपुर की महापौर बोली इंदौर जैसे काम करेंगे, नंबर वन बनेंगे
पिछले महीने इंदौर आई रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे ने इंदौर में दो दिवसीय कार्यक्रम में स्वच्छता की बारीकियां सीखी। यहां से लौटने के बाद रायपुर की स्वच्छता और विकास के लिए कई ठोस कदमों की घोषणा की। महापौर ने बताया कि इंदौर से मिले अनुभव और मॉडल को रायपुर में अपनाकर शहर को स्वच्छता के मामले में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जाएगा। महापौर चौबे ने कहा कि रायपुर में इंदौर की तरह सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए आमजन को जागरूक किया जाएगा। इसमें एनजीओ की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही शहर के सभी 10 जोनों में आरआरआर (रियूज, रिड्यूस, रिसाइकल) केंद्र खोलकर उनके प्रभावी संचालन के लिए एनजीओ के सहयोग से रणनीति बनाई जाएगी।
भागलपुर की महापौर बोली इंदौर की ट्रेनिंग से हुआ फायदा
भागलपुर की महापौर वसुंधरा लाल ने अपने शहर के सफाई कर्मचारियों को इंदौर भेजा ताकि वे वहां की सफाई व्यवस्था को समझकर भागलपुर में लागू कर सकें। वसुंधरा ने कहा कि इंदौर में सफाई व्यवस्था की ट्रेनिंग लेकर आने के बाद सफाई कर्मचारियों को और अधिक कुशल बनाया गया, जिससे शहर को स्वच्छ और हाईटेक बनाया जा रहा है।
हरियाणा के सीएम बोले इंदौर जाएं हमारे राज्य के महापौर, वहां से सीखकर आएं
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि फरीदाबाद और करनाल को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। साथ ही कहा कि प्रदेश के मेयर और पार्षदों को इंदौर जाकर योजनाओं और मॉडल का अध्ययन करना चाहिए, ताकि हरियाणा के शहरों में भी उसी प्रकार के मॉडल लागू किए जा सकें।
स्वच्छता में नंबर वन इंदौर ने अनोखे अंदाज़ में मनाया जश्न, आतिशबाजी के बाद खुद की सफाई, जिम्मेदारी भी निभाई
इंदौर एक बार फिर स्वच्छता में सिरमौर बना है। स्वच्छता सुपर लीग में शीर्ष पर रहने की घोषणा होने पर इंदौर में जश्न का दौर शुरू हो गया। नगर निगम परिसर में सफाईकर्मियों व नगर निगम कर्मचारियों ने ढोलक की थाप पर नाच गाकर खुशियां मनाई। एक दूसरे का मुंह मीठा किया। इसके अलावा आतिशबाजी भी हुई। दिल्ली में पुरस्कार लेने गए मेयर पुष्य मित्र भार्गव,निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित अन्य अफसर गुरुवार को इंदौर लौटेंगे। तब भी राजवाड़ा पर नगर निगमकर्मी और जनप्रतिनिधि जश्न मनाएंगे।
इंदौर स्वच्छता लीग में शीर्ष पर है। इसका अंदाजा पहले ही लग चुका था। इसके चलते बुधवार शाम को नगर निगम परिसर में जश्न की तैयारियां शुरू हो गई थी। टेंट के अलावा मंच भी लगाए गए थे। गुरुवार सुबह 11 बजे जैसे ही पुरस्कारों की घोषणा हुई तो नगर निगम कर्मचारी खुशी से झूम उठे। महिला सफाईकर्मी ने भी ढोलक पर मटकी की धून बजवा कर नृत्य किया। सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई।
महिला सफाईकर्मी ममता ने कहा कि सफाई करने में चुनौतियां तो बहुत आती है, लेकिन इंदौर को हम अपना घर समझते है। हमेशा यहीं भाव रहता है कि शहर में रहने वाले परिवारों को हमें स्वस्थ रखना है। प्रभारी महापौर राजेंद्र राठौर ने कहा कि इंदौर तो स्वच्छता में नंबर वन हमेशा रहेगा। अब दूसरे शहरों को भी मदद करेंगे। वाराणसी में भी इंदौर के अफसर गए और सफाई को लेकर टिप्स दिए।
बनाई स्वच्छता की रंगोली
कई महिला सफाईकर्मी इंदौर में सड़क साफ करने के बाद रंगोली भी बनाती है। स्वच्छता परिणाम आने के बाद निगम परिसर में स्वच्छता की बड़ी रंगोली महिला सफाईकर्मियों ने मिलकर बनाई। जश्न मनाने के दौरान परिसर में जो कचरा फैला, उसे भी सफाईकर्मियों ने जश्न समाप्त होते ही उठा लिया और परिसर साफ कर दिया।