उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में जल्द ही एक आकाशवाणी केंद्र शुरू किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए मुरुगन से उज्जैन में जल्द ही एक आकाशवाणी केंद्र शुरू करने का अनुरोध किया. केंद्रीय मंत्री ने प्रस्ताव पर सहमति जताई और आवश्यक प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए.
उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो का निर्माण पूरा होने तक उज्जैन केंद्र के कार्यक्रम आकाशवाणी इंदौर के माध्यम से प्रसारित किए जा सकेंगे. अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और उन्हें राज्य के रायसेन जिले में बीईएमएल लिमिटेड की अत्याधुनिक रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रित किया. इस परियोजना में लगभग 1800 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव के हवाले से कहा गया है, "इस प्लांट में मध्य प्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की साझेदारी होगी." मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस कारखाने के लिए रायसेन ज़िले में लगभग 60 हेक्टेयर ज़मीन आवंटित की है, जिससे लगभग 1500 लोगों को रोज़गार मिलेगा.
CM यादव ने केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात की. एक बयान में कहा गया है कि राज्य के 32 लाख किसानों के लिए सौर पैनल लगाए जाएँगे ताकि वे अपनी बिजली खुद पैदा कर सकें और राज्य पर लगभग 18,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का बोझ कम हो.
उन्होंने कहा कि इसके लिए लगभग 1800 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. यादव ने कहा, 'संयंत्र में मध्यप्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की भागीदारी रहेगी.'
इस संयंत्र की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश शासन ने रायसेन जिले में लगभग 60 हेक्टयर भूमि का आवंटन कर दिया है. उन्होंने कहा, 'यह संयंत्र लगभग डेढ़ हजार लोगों को रोजगार दिलवाने में भी सहायक होगा, साथ ही देश के रेल कोच संयंत्रों के मानचित्र में विशेष स्थान बनाएगा.'
मुख्यमंत्री यादव ने इस दौरान केन्द्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात की और कहा कि पूरे देश में मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है जो सबसे सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करवा रहा है, जिससे नयी दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चल रही हैं.
मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि राज्य के 32 लाख किसानों के लिए सोलर पैनल लगाकर दिया जाएगा, जिससे भविष्य में किसान स्वयं की बिजली उत्पन्न कर सकें. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 18 हजार करोड़ की सब्सिडी के भार से राज्य सरकार मुक्त हो सकेगी.