Friday , July 4 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / नहीं रहे पद्मश्री रामसहाय पांडेय, बुंदेलखंड के राई नृत्य को दिलाई पहचान, सीएम मोहन यादव ने जताया दुख

नहीं रहे पद्मश्री रामसहाय पांडेय, बुंदेलखंड के राई नृत्य को दिलाई पहचान, सीएम मोहन यादव ने जताया दुख

सागर
 बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई नर्तक रामसहाय पांडे का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने राई नृत्य को 24 देशों में पहचान दिलाई। उनका निधन सागर के एक निजी अस्पताल में हुआ। वे लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताया है। रामसहाय पांडे ने 12 साल की उम्र से ही राई नृत्य करना शुरू कर दिया था। उन्होंने इस नृत्य को दुनिया भर में पहचान दिलाई।

98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

राई लोकनृत्य की साधना को लेकर मशहूर पं.रामसहाय पांडे ने 98 साल की उम्र में मंगलवार तड़के सागर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. पहले उनका इलाज भोपाल में चल रहा था. रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सागर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. उनके बीमार होने की खबर मिलते ही शहर और बुंदेलखंड के कई लोग हाल चाल जानने पहुंचे थे और उनकी लंबी आयु की कामना की.

दुनियाभर में मशहूर किया राई नृत्य

रामसहाय पांडे ने राई नृत्य को पूरी दुनिया में फेमस किया। उन्होंने 24 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। भारत सरकार ने उन्हें 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि यह मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है।

12 साल की उम्र से किया राई नृत्य

रामसहाय पांडे ने 12 साल की छोटी उम्र से ही राई नृत्य करना शुरू कर दिया था। बुंदेलखंड को पिछड़ा इलाका माना जाता था। इसलिए शुरुआत में इस नृत्य को ज्यादा पहचान नहीं मिली लेकिन रामसहाय पांडे ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मेहनत से राई नृत्य को पूरी दुनिया में पहुंचाया।

कौन हैं रामसहाय पांडे

उनका जन्म 11 मार्च 1933 को सागर जिले के मड़धार पठा गांव में हुआ था। बाद में वे कनेरादेव गांव में बस गए। यहीं से उन्होंने राई नृत्य की शुरुआत की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, 'बुंदेलखंड के गौरव, लोकनृत्य राई को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार पद्मश्री श्री रामसहाय पांडे जी का निधन मध्यप्रदेश और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित आपका सम्पूर्ण जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत की पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति दें।'

बचपन से ही लोकृनत्य राई की साधना में लीन

रामसहाय पांडे का जन्म 11 मार्च 1933 को सागर के मडधार पठा में हुआ था. गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मे रामसहाय पांडे बचपन से ही राई नृत्य की सतत साधना में जुट गए. 11 साल की उम्र में राई नृत्य में मृदंग बजाने लगे थे. हालांकि उस समय बुंदेलखंड में राई नृत्य को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था. ऐसे में उन्हें सामाजिक बहिष्कार भी झेलना पड़ा. इसके बाद वह अपना गांव छोड़कर सागर के कनेरादेव में बस गए और जीवनभर राई नृत्य की साधना में जुटे रहे.

देश के साथ ही विदेश में बजाया राई का डंका

सामाजिक बहिष्कार और अपमान के बाद भी पं. रामसहाय पांडे ने अपनी साधना जारी रखी और राई नृत्य की मंचीय प्रस्तुति में एक अलग पहचान बनायी. उन्होंने देश के तमाम प्रदेशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया. यहां तक कि वह दुबई, जापान,जर्मनी, हंगरी और स्विटजरलैंड जैसे देशों में राई की प्रस्तुति दे चुके थे. पद्मश्री मिलने के बाद उनकी प्रतिष्ठा काफी बढ़ गई थी.

कमर में मृदंग बांधकर जब नाचते थे

रामसहाय पांडे कद में छोटे थे, लेकिन राई नृत्य में उनका कोई मुकाबला नहीं था। जब वे कमर में मृदंग बांधकर नाचते थे, तो लोग हैरान रह जाते थे। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरिसस जैसे कई बड़े देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया। रामसहाय पांडे ब्राह्मण परिवार से थे। उनके परिवार में राई नृत्य को अच्छा नहीं माना जाता था। क्योंकि इसमें महिलाओं के साथ नाचना होता है। जब रामसहाय पांडे ने राई नृत्य किया, तो उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया था। लेकिन जब उन्होंने इस लोकनृत्य को गांव से निकालकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया, तो सभी ने उन्हें अपना लिया। सरकार ने भी उनकी कला को सराहा और उन्हें मध्य प्रदेश लोककला विभाग में जगह दी।
6 साल की उम्र में हुआ पिता का निधन

रामसहाय पांडे जब 6 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी मां अपने बच्चों को लेकर कनेरादेव गांव आ गईं। 6 साल बाद उनकी मां भी चल बसीं। उनका बचपन बहुत मुश्किलों में बीता था।

क्या होता है राई नृत्य

राई नृत्य बुंदेलखंड का सबसे प्रसिद्ध नृत्य है। यह साल भर हर बड़े आयोजन में होता है। इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों नाचते हैं। राई नृत्य करने वाली महिलाओं को बेड़नियां और पुरुषों को मृदंगधारी कहते हैं। महिलाएं पैरों में घुंघरू बांधकर और सज-धज कर मृदंग की थाप पर नाचती हैं। इस दौरान पुरुष और महिलाएं देशी स्वांग भी गाते हैं। बुंदेलखंड में शादी और बच्चों के जन्म पर राई नृत्य सबसे ज्यादा होता है।

jabartoto slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login