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निवेशक महाकुंभ में होगा देश-विदेश से आए उद्यमियों का समागम

भोपाल

भारत का हृदय मध्यप्रदेश, समृद्ध अर्थव्यवस्था, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, राज्य सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों और विशेष प्रोत्साहन योजनाओं के साथ निवेश के असीमित अवसरों की उपलब्धता से देश-विदेश के उद्यमियों के लिए निवेश का प्रमुख स्थल बन गया है। देश-विदेश के उद्यमियों को निवेश के अवसरों से रूबरू कराने के उद्देश्य से राजधानी भोपाल में दो दिवसीय जीआईएस-2025 का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभांरभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस 'महाकुंभ' में दुनिया भर से आने वाले निवेशकों का समागम होगा।

व्यापार और उद्योग अनुकूल माहौल बनाने के लिये प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश सभी उद्यमियों के लिए निवेश के अपार अवसर और उसके बाद दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने के प्रति संकल्पित है। मध्यप्रदेश पर्यटन, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाइल, खनन, डेयरी और खाद्य प्र-संस्करण जैसे क्षेत्रों के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।

बेहतर कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास की असीमित संभावनाएं

मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रिपेअर्डनेस इंडेक्स में देश के शीर्ष़-10 राज्यों में और विश्व बैंक द्वारा आयोजित ईज़-ऑफ-डूइंग बिज़नेस में चौथे स्थान पर है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रभाव क्षेत्र में आने से मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास के असीम अवसर उपलब्ध हैं। मजबूत रेल और सड़क नेटवर्क के अलावा राज्य में 6 व्यावसायिक एयरपोर्ट हैं, जहां से 100 से अधिक उड़ानें संचालित होती हैं। इससे यहां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आवागमन सुगम हुआ है।

खनिज संसाधन और औद्योगिक समृद्धि

मध्यप्रदेश में कोयला, हीरा, तांबा, लौह अयस्क और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का भण्डार है। प्रदेश तांबा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम और हीरे का देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। राज्य सरकार कृषि और खाद्य प्र-संस्करण, आईटी, आईटीईएस, पर्यटन, वस्त्र उद्योग, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, ऑटोमोबाइल, दवाइयां एवं फार्मास्युटिकल्स और रक्षा एवं एयरोस्पेस सेक्टर पर प्रमुखता से ध्यान दे रही है। राज्य में 8 फूड पार्क, लगभग 15 मिलियन मीट्रिक टन की वेयरहाउसिंग क्षमता और 3 लाख 54 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र कवर करने वाले कोल्ड-स्टोरेज के साथ मध्यप्रदेश उद्योगों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थल बनता जा रहा है।

शिक्षा, पर्यटन और हरित क्षेत्र में अग्रणी

मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां देश भर के सबसे बड़े क्षेत्र में जैविक खेती की जाती है। भारत के कुल जैविक उत्पादन का 27% मध्यप्रदेश में होता है। भारत के सबसे स्वच्छ राज्य मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है और भोपाल स्वच्छतम राजधानी। राज्य की बड़ी जनसंख्या इसे विशाल उपभोक्ता बाजार भी बनाती है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर

मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए 1.25 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की औद्योगिक भूमि-बैंक है। इसमें से 19,011 हेक्टेयर क्षेत्र उद्योगों के लिए पहले ही विकसित किए जा चुके हैं। राज्य में 76 विकसित, 19 विकासाधीन और 13 प्रस्तावित भूमि-बैंक हैं, जो 5 ग्रोथ सेंटर्स में फैले 79 भूखंडों में वितरित हैं। राज्य में 6 प्रमुख ड्राई इनलैंड कंटेनर डिपो हैं, इनकी वेयरहाउसिंग क्षमता 240 लाख मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है, जहां 31 गीगावाट विद्युत का उत्पादन होता है, जिसमें 20 प्रतिशत क्लीन एनर्जी है। मध्यप्रदेश किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने में सक्षम है।

सड़क नेटवर्क और लॉजिस्टिक्स

मध्यप्रदेश ने अपने सड़क नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य में 5 लाख किलोमीटर से अधिक लंबाई का सड़क नेटवर्क है, जिसमें 46 राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। यह देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का 6.6% और राज्य-राजमार्गों का लगभग 6.4% है। राज्य में प्रतिदिन 550 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। इसके साथ ही 2,32,344 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों के साथ, मध्यप्रदेश 5वां सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला राज्य है।

राज्य में अटल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के साथ ही दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा, पीथमपुर-धार-महू, रतलाम-नागदा, शाजापुर-देवास, और नीमच-नयागांव जैसे औद्योगिक एवं निवेश क्षेत्रों का निर्माण किया गया है। औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश में 4 निवेश गलियारों का विकास किया जा रहा है। इनमें भोपाल-इंदौर, भोपाल-बीना, जबलपुर-कटनी-सतना-सिंगरौली और मुरैना-ग्वालियर-शिवपुरी-गुना शामिल हैं।

मध्यप्रदेश ईज़-ऑफ-डूइंग बिजनेस रैंकिंग में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। यहां व्यापार संचालन और निवेश के लिये माहौल को अत्यधिक अनुकूल बनाया गया है। इसके साथ ही नियामकीय प्रक्रियाओं को अत्यंत सरल किया गया है। इससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रदेश में किये गए मुख्य सुधारों में ऑनलाइन पंजीकरण, लाइसेंसिंग और अनुमति स्वीकृति जैसी व्यावसायिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण और इन्वेस्ट मध्यप्रदेश विंडो प्रमुख हैं। इन्वेस्ट पोर्टल को नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।

प्रमुख सेक्टर्स और उद्योग प्रोत्साहनकारी नीतियां

राज्य में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं। इनमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश पर 40% तक इन्वेस्टमेंट प्रोत्साहन सहायता, रोजगार सृजन पर 1.5 गुना पूंजी सब्सिडी, निर्यात पर 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी शामिल है। ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन असिस्टेंस जैसी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की स्थापना के लिए सहायता, पॉवर, जल और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्टर के निर्माण के लिए प्रति यूनिट एक रुपया की दर से टैरिफ रिबेट और पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति भी प्रमुख प्रोत्साहन नीतियों में शामिल हैं। वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में ब्याज सब्सिडी, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण प्रोत्साहन दिया जा रहा है। फार्मा सेक्टर में ग्रॉस सप्लाई वेल्यू के लिए एक वर्ष का स्टॉक पीरियड और खाद्य प्र-संस्करण सेक्टर में 50% अतिरिक्त पूंजी सब्सिडी और मंडी कर (कृषि व्यापार कर) में 5 वर्षों के लिए छूट दी गई है।

स्टार्टअप और एमएसएमई नीति

नवाचार-आधारित उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति-2022 जारी की है। एमएसएमई इकाइयों के विस्तार और राज्य में स्व-रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना प्रारंभ की गई है। निवेश को आकर्षित करने के लिए, राज्य सरकार ने एमएसएमई विकास नीति और औद्योगिक प्रोत्साहन नीति प्रारंभ की है।

डिजिटल गवर्नेंस के तहत, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं ने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर्स के कार्यान्वयन से नागरिक-केन्द्रित ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने और सूचना के एकत्रीकरण और निगरानी को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नवाचार, संसाधन, और अवसंरचना के मेल से मध्यप्रदेश न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी निवेशकों के लिए एक आदर्श स्थल बनकर उभर रहा है। यहाँ विकास और प्रगति के अनगिनत अवसर निवेशकों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 

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