Friday , July 4 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / महाकुंभ में बड़ी मात्रा में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां, कुल आंकड़ा ₹2 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा.

महाकुंभ में बड़ी मात्रा में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां, कुल आंकड़ा ₹2 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा.

 प्रयागराज

 प्रयागराज में संगम के तट पर 45 दिवसीय महाकुंभ मेला, जिसे पहले पूर्ण कुंभ के नाम से जाना जाता था, 13 जनवरी से शुरु होकर 45 दिनों तक चलेगा। महाकुंभ के पहले ही दिन करीब दस लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच 40 करोड़ आगंतुकों के आने का अनुमान लगाया है। अनुमान है कि महाकुंभ 2025 से सरकार को 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है, जिससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपए अरब रुपये का आर्थिक लाभ हो सकता है। इस आयोजन से स्थानीय स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों, होटल व्यवसायियों, होमस्टे मालिकों, रेस्तरां संचालकों और खाद्य विक्रेताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिसमें डाबर, मदर डेयरी और आईटीसी जैसे प्रमुख ब्रांडों द्वारा ~3,000 करोड़ खर्च किए जाने का अनुमान है।

महाकुंभ 2025 के प्रमुख व्यापारिक आंकड़े

    आवास और पर्यटन : स्थानीय होटलों, धर्मशालाओं और अस्थायी ठहराव की व्यवस्था से ₹40,000 करोड़ के व्यापार की संभावना है.

    भोजन और पेय पदार्थ : पैक खाद्य सामग्री, पानी, बिस्किट, जूस, और भोजन पर ₹20,000 करोड़ तक का व्यापार होगा.

    पूजा सामग्री और प्रसाद : तेल, दीपक, गंगाजल, मूर्तियां, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकों आदि की बिक्री से ₹20,000 करोड़ का व्यापार होने की उम्मीद है.

    परिवहन और लॉजिस्टिक्स : स्थानीय और अंतरराज्यीय परिवहन, माल ढुलाई और टैक्सी सेवाओं से ₹10,000 करोड़ का व्यापार होगा.

    पर्यटन सेवाएं : टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और पर्यटक सेवाओं से ₹10,000 करोड़ का अनुमानित व्यापार.

    हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह : स्थानीय उत्पादों, कपड़ों, गहनों और स्मृति चिन्हों से ₹5,000 करोड़ की आय.

    स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं : अस्थायी मेडिकल कैंप, आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाइयों से ₹3,000 करोड़ का व्यापार.

    आईटी और डिजिटल सेवाएं : डिजिटल भुगतान, वाई-फाई सेवाएं, और ई-टिकटिंग से ₹1,000 करोड़ का व्यापार.

    मनोरंजन और मीडिया : विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों से ₹10,000 करोड़ का व्यापार.

यूपी और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

महाकुंभ जैसे आयोजन स्थानीय व्यापार, रोजगार और पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं. यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा. श्री खंडेलवाल ने कहा, 'महाकुंभ 2025 न केवल आस्था और अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति का प्रतीक भी है यह आयोजन भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा और उत्तर प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा.'

जानें, पिछले कुंभ मेलों में श्रध्दालुओं की संख्या, कितने करोड़ की कमाई-

आधिकारिक अनुमान है कि 2019 के कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया था, जबकि 2013 के पूर्ण कुंभ में, जिसे तब इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे। 2016 के उज्जैन कुंभ (सिंहस्थ) में 7.5 करोड़ श्रद्धालु आए थे।

उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने महाकुंभ के लिए बुनियादी ढांचे से लेकर स्वच्छता तक 549 परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिसकी लागत ~6,900 करोड़ है। 2019 में, इसने ~3,700 करोड़ की लागत से 700 परियोजनाएँ शुरू की थीं। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है कि महाकुंभ मेला बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न हो जाए। मेले का सफल प्रबंधन, 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए “ब्रांड यूपी” बनाने की इसकी कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

क्यों खास है इस बार का ‘महाकुंभ’

महाकुंभ मेला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित होने वाला पहला कुंभ मेला है। महाकुंभ 2025 में अखाड़ा क्षेत्र में अखाड़ों समेत विभिन्न संगठनों के शिविर पूरी भव्यता से स्थापित हो चुके हैं। जहां शिविरों को हमेशा की तरह खूबसूरती से डिजाइन किया गया है, वहीं इस साल प्रवेश द्वार अपने अनूठे और विषयगत डिजाइनों से सुर्खियां बटोर रहे हैं। मेला क्षेत्र में थीम वाले प्रवेश द्वार देखने में आश्चर्यजनक होने के अलावा पहचान के चिह्न के रूप में भी काम कर रहे हैं और तीर्थयात्रियों को विशिष्ट संगठनों का पता लगाने और उन तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं। विभिन्न अखाड़ों और संगठनों ने न केवल अपने शिविरों को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है, बल्कि अपने प्रवेश द्वारों को भी विशिष्ट थीम के साथ डिजाइन किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, 2016 में अयोध्या में केवल 283,000 पर्यटक आए थे, जो मंदिर के निर्माण के कारण सितंबर 2024 तक बढ़कर 13 करोड़ 44 लाख हो गए और इस वर्ष का अंतिम आंकड़ा लगभग 16 करोड़ श्रद्दालुओं के रामलला के दर्शन करने का संभावित है। इसी तरह, वाराणसी में पहले सालाना भक्तगणों की संख्या 50 लाख थी, जो काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के बाद बढ़कर 6 करोड़ हो गई।

महाकुंभ में व्यवस्थाओं पर डालें एक नजर-

प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार 4,000 हेक्टेयर में फैले महाकुंभ टेंट सिटी को धार्मिक मेले की अवधि के लिए यूपी का 76वां जिला घोषित किया गया है। इसमें 56 पुलिस स्टेशन और 133 पुलिस चौकियाँ होंगी। टेंट सिटी में 67,000 स्ट्रीट लाइटें, श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने के लिए 7000 भगवा रंग की बसें, 1,249 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइनें, 300,000 पौधे लगाए जाएंगे, 12 किलोमीटर तक फैले अस्थायी घाटों सहित 16 घाट, निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रावधान, त्योहार की अवधि के दौरान प्रयागराज को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली 100 विशेष ट्रेनें और शहर के लिए उड़ानों की संख्या और प्रयागराज हवाई अड्डे पर विमानों के लिए पार्किंग बे बढ़ाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने 2,200 लग्जरी टेंट सहित 160,000 टेंट लगाए हैं। प्रयागराज में 218 होटल, 204 गेस्ट हाउस, 90 धर्मशालाएँ और कई होमस्टे भी हैं। नदी के किनारे भी उच्च श्रेणी के विकल्प हैं, जहाँ प्रतिदिन ~80,000 तक का शुल्क लगता है, जैसे कि एरियल घाट पर 3.25 एकड़ में फैला डोम सिटी।

विभिन्न संप्रदायों के संतों के 13 अखाड़े इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। प्रयागराज में विभिन्न कार्यालयों की दीवारों को हिंदू धर्म, देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित प्रमुख घटनाओं के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाले चित्रों से सजाया गया है। शहर के चौराहों को भी विभिन्न धार्मिक वस्तुओं जैसे कलश, शंख और सूर्य नमस्कार आसन की विभिन्न मुद्राओं से सजाया गया है। इसके अलावा, शहर के अधिकांश प्रमुख चौराहों को नया रूप दिया गया है। पुलिस द्वारा विभिन्न चौराहों और तिराहों पर बैरिकेड भी लगाए गए हैं, जो पुलिस को भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। संगम क्षेत्र या फाफामऊ में 30 से अधिक पंटून पुल भी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किए गए हैं।

2019 कुंभ की एक और सफलता 122,500 शौचालयों, 20,000 कूड़ेदानों और 160 कचरा परिवहन वाहनों के साथ इसकी कुशल स्वच्छता थी। इसने “गंध दूर करने वाले घोल” का भी सफलतापूर्वक प्रयोग किया, जिसका पहला परीक्षण 2018 माघ मेले के दौरान किया गया था; 2019 कुंभ के दौरान छात्र शोधकर्ताओं द्वारा साइट पर प्रतिदिन 65,000 लीटर घोल बनाया गया था।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने स्थापित किये गये हैं और लगभग 45 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है। किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने से सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। सुरक्षा के लिए 329 एआई कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 10,000 सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं। उद्घाटन समारोह में 2,500 ‘मेक इन इंडिया’ ड्रोन शामिल होंगे।

1882 के ‘माघ मेले’ से 2025 के ‘महाकुंभ’ तक –

यह समागम 12 वर्षों में चार स्थानों पर चार बार मनाया जाता है – हरिद्वार (गंगा के तट पर), मध्य प्रदेश में उज्जैन (शिप्रा नदी के तट पर), महाराष्ट्र में नासिक (गोदावरी के तट पर), और चारों में से सबसे पवित्र प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर।

भारत के इंपीरियल गजट, 1883 में इलाहाबाद में 1882 के ‘माघ मेले’ का उल्लेख किया गया था, जिसमें दस लाख भक्तों ने भाग लिया था। औपनिवेशिक अभिलेखों के अनुसार, 1900 के अर्ध कुंभ से सरकार की आय ~38,400 के व्यय के मुकाबले ~26,621 थी। 1906 के पूर्ण कुंभ में ~92,024 के व्यय के मुकाबले ~62,480 की कमाई हुई। 1906 के पूर्ण कुंभ में लगभग 30 लाख लोगों ने भाग लिया।

जानें, ‘महाकुंभ’ की फाइव स्टार व्यवस्था,  91 हजार/दिन किराया, किराए पर लक्ज़री कारें

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में सोमवार को होने वाले पौष पूर्णिमा के पहले स्नान से पहले मेला क्षेत्र में बसाई गई डोम सिटी और टेंट सिटी पूरी तरह भर चुकी है। संगम तट पर ठहरने के लिए देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों में होड़ मची है। वे इसके लिए लाखों रुपये तक खर्च करने को तैयार हैं। आलम यह है कि प्रयाग में कुंभ मेला क्षेत्र में अरैल बंधे पर बसी डोम सिटी में अब एक भी दिन के लिए जगह खाली नहीं बची है, जबकि टेंट सिटी में पर्व स्नान के दिनों के लिए सभी कॉटेज की एडवांस बुकिंग हो गई है। केवल सामान्य दिनों के लिए बमुश्किल दर्जन भर लोगों के रुकने की जगह है। इसकी भी बुकिंग तेजी से हो रही है।

महाकुंभ नगर में बनाई गई डोम सिटी में पांच सितारा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। हर डोम के नीचे चार कॉटेज बने हैं, जबकि एक लिविंग एरिया है। डोम सिटी को पॉश बंगले का रूप दिया गया है, जिसमें संगम तट तक ले जाने के लिए अत्याधुनिक याट की सुविधा है। डोम की संख्या फिलहाल 10 है, जिनमें 40 कॉटेज बने हैं। लोगों की जबरदस्त मांग को देखते हुए 10 और डोम सिटी बनाने का प्रस्ताव है। सामान्य दिनों में एक रात डोम में रुकने के लिए जीएसटी के अतिरिक्त 61,000 रुपये लिए जा रहे हैं, जबकि पर्व स्नान के दिनों का किराया जीएसटी के अतिरिक्त 91,000 रुपये है।

कुंभ मेले की व्यवस्था देख रहे अधिकारियों का कहना है कि एक लाख रुपये एक रात का किराया होने के बावजूद डोम सिटी में बुकिंग के लिए होड़ मची है। अनेक लोगों ने महीने भर पहले से बुकिंग करा ली है। डोम सिटी का निर्माण दिल्ली की कंपनी रीजेंटा ईवोलाइफ ने किया है। डोम सिटी व टेंट सिटी के निर्माण पर 50 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
डोम सिटी और टेंट सिटी में रुकने वालों में 50 फीसदी से ज्यादा विदेशी हैं। इनमें अनिवासी भारतीयों के अलावा कनाडा, मॉरीशस, नीदरलैंड, ब्रिटेन व अमेरिका से आने वाले श्रद्धालु हैं। विदेशी मेहमानों की सुविधा के लिए डोम सिटी व टेंट सिटी के भीतर स्पा, रेस्टोरेंट और सीधे स्नान के लिए घाट पर ले जाने जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

वहीं टेंट सिटी का निर्माण दिल्ली की आगमन कंपनी ने किया है। महाकुंभ नगर के अरैल क्षेत्र में सेक्टर 25 में चार सितारा सुविधाओं से लैस कॉटेज बनाए गए हैं। टेंट सिटी में बनी कॉटेज की तीन श्रेणियां हैं, जिनका किराया क्रमश: 10,000, 15,000 और 20,000 रुपये प्रति रात है। इस किराये में लंच, ब्रेकफास्ट और डिनर शामिल हैं जो पूर्णतया सात्विक और बिना लहसुन-प्याज के होगा। टेंट सिटी की व्यवस्था देख रहे प्रतिनिधियों ने बताया कि पर्व स्नान के दिनों के लिए बुकिंग लगभग पूरी है, जबकि बाकी दिनों के लिए बुकिंग अभी तक 50 फीसदी से अधिक हो चुकी है। उनका कहना है कि यहां आने वाले लोगों में करीब 50 फीसदी विदेशी हैं। इस टेंट सिटी की बनावट गोवा बीच जैसी है। डोम सिटी हो या टेंट सिटी दोनों की बुकिंग उत्तर प्रदेश पर्यटन की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है।

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आसपास के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराने के लिए टूर ऐंड ट्रैवल कंपनियों ने बड़े पैमाने पर गाड़ियां लगाई हैं। इतनी बड़ी तादाद में गाड़ियों की व्यवस्था के लिए दिल्ली व मुंबई की ट्रैवल एजेंसियां प्रयागराज के अलावा वाराणसी, लखनऊ और सीधे दिल्ली से सेवाएं दे रही हैं। सिंह ट्रैवल्स के दिनेश सिंह ने बताया कि कुंभ आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु अयोध्या और वाराणसी भी जाना चाहते हैं, लिहाजा उसी तरह के पैकेज तैयार किए गए हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ नगर में सेवाएं देने के लिए 25,000 गाड़ियां बाहर से मंगाई गई हैं, जबकि इतनी ही तादाद में प्रयागराज, लखनऊ व वाराणसी की लक्जरी गाड़ियां लगी हैं।

कैलाश खेर, शंकर महादेवन, कविता कृष्णमूर्ति हरिहरन सहित तमाम दिग्गज गायक देंगे प्रस्तुति

शंकर महादेवन, कैलाश खेर समेत अन्य कलाकार प्रयागराज में प्रस्तुति देंगे नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) मशहूर गायक कैलाश खेर, शंकर महादेवन, कविता कृष्णमूर्ति और कई अन्य दिग्गज कलाकार प्रयागराज में सोमवार से शुरू हो रहे महाकुंभ के दौरान प्रस्तुति देंगे। संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने भारत की कला, संस्कृति और विरासत के संगम का जश्न मनाने के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में एक जीवंत सांस्कृतिक स्थल ‘कलाग्राम’ स्थापित किया है। मंत्रालय ने कहा कि 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह क्षेत्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और उन्नत संगठनात्मक क्षमताओं का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण दर्शाता है। इस जीवंत स्थान पर भारत की विविध शिल्प परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सात ‘संस्कृति आंगन’ भी हैं, जिसका उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को प्रयागराज में किया।

संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कुछ सबसे मशहूर गायकों के नाम साझा किए, जो महाकुंभ में प्रस्तुति देने वाले हैं। इनमें शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर, हंस राज हंस, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति और मैथिली ठाकुर के नाम शामिल हैं।

jabartoto slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login