आम सभा, रायसेन : रायसेन जिले के गैरतगंज में 90 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक श्री शंकरलाल शर्मा ने अपने हौसले से कोरोना को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है। उन्हें 90 प्रतिशत संक्रमण था तथा भोपाल एवं रायसेन से वापस आकर गैरतगंज अस्पताल में ही रहकर वे स्वस्थ हो गए। गैरतगंज के टेकापार कालोनी में रहने वाले पूर्व शिक्षक शंकरलाल शर्मा की 20 दिन पहले कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव पॉजिटिव आई थी। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में उन्हें फेंफड़ों में 90 प्रतिशत संक्रमण बताया गया।
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रायसेन में कुछ दिन उपचार के बाद शंकरलाल शर्मा के परिजन उन्हें भोपाल इलाज हेतु ले गए, किन्तु वहां चिकित्सकों द्वारा ठीक नहीं होने की बात कहकर वापस भेज दिया। इसके बाद परिजनों ने गैरतगंज अस्पताल में ही इलाज कराने का निश्चय किया और नगर के कोविड सेंटर में उन्हें भर्ती करा दिया। कोविड सेंटर में चिकित्सकों और स्टॉफ द्वारा शंकरलाल शर्मा के भर्ती होते ही उनका त्वरित उपचार प्रारंभ कर दिया गया।
परिजनों ने भी उनका हौसला बनाए रखा। जिससे 90 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक शंकरलाल शर्मा ने भी अपना हौसला नहीं छोड़ा तथा सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ इलाज कराया। आखिरकार 10 दिन के इलाज के बाद उन्होंने कोरोना को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली, अब वे स्वस्थ हैं तथा अपने घर पहुंच गए हैं। कोरोना को हराकर स्वस्थ होने में उनका हौसला और सकारात्मक सोच प्रेरणादायी बन गई है।
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सेवानिवृत्त शिक्षक शंकरलाल शर्मा का कहना है कि यदि मनुष्य में जीने की इच्छा और महामारी से लड़ने का हौसला हो तो वह किसी भी स्थिति में परास्त नहीं हो सकता। शंकरलाल शर्मा के छोटे पुत्र नरेंद्र शर्मा और नाती बसंत शर्मा ने कहा कि उपचार के साथ-साथ परिजनों के हौसले और मरीज की हिम्मत ने हमें इस जंग में जिताया है, इसलिए कोई भी व्यक्ति संक्रमित होने पर हिम्मत न हारे तथा अपना हौसला बनाए रखकर दृष्टिकोण को सकारात्मक रखें तो अवश्य ही वह इससे बच सकता है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन मास्क, दो गज दूरी और स्वच्छता के साथ ही सभी लोग वैक्सीनेशन जरूर कराएं।