केंद्र की मोदी सरकार प्रॉविडेंट फंड (PF) के ब्याज को कम करने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) को पीएफ की ब्याज दर को सालाना 8.65 फीसदी से कम करने के लिए कहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय को इस बात की चिंता है कि पीएफ पर अधिक रिटर्न देने पर बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना संभव नहीं होगा, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इससे पहले वित्त मंत्रालय ने EPFO से पूछा था कि इतना ब्याज देने के लिए क्या उनके के पास पर्याप्त फंड है. आपको बता दें कि फाइनेंस कंपनी IL&FS और उसी तरह के अन्य जोखिम भरे निवेशों में कई बड़े निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में क्या EPFO नुकसान से बच पाया है. साथ ही, उसके पास क्या अब पर्याप्त रकम है.
नौकरी करने वालों की सैलरी में कुछ हिस्सा PF में जाता है- नौकरी करने वालों की सैलरी से एक हिस्सा पीएफ के तौर पर कटता है. यह रकम आपके PF (Provident Fund) खाते में जमा होती है. यह एक प्रकार का निवेश कहलाता है.
आपको बता दें कि एम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड यानी EPF यह सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक फायदा देने वाली स्कीम है, जो एम्प्लॉईज़ प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन यानी EPFO द्वारा चलाई जाती है. इसकी ब्याज दरें सरकार तय करती है. मौजूदा समय में खाताधारकों को 8.65 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.