Sunday , July 27 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / एमपी के 5 लाख कर्मचारियों का 9 साल बाद होगा प्रमोशन, एक लाख कर्मचारी इंतजार में रिटायर हुए, अब तीन क्राइटेरिया बनाए

एमपी के 5 लाख कर्मचारियों का 9 साल बाद होगा प्रमोशन, एक लाख कर्मचारी इंतजार में रिटायर हुए, अब तीन क्राइटेरिया बनाए

भोपाल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 मार्च को विधानसभा में ये बयान दिया था। इसके साथ ही सीएम ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ होने वाला है। दरअसल, मध्यप्रदेश में पिछले 9 साल से कर्मचारी-अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हुए हैं। इस दौरान 1 लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं।

मंत्रालय सूत्र बताते हैं कि सरकार ने प्रमोशन के लिए तीन क्राइटेरिया तय किए हैं। ये भी तय किया है कि जो भी प्रमोशन होंगे, वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेंगे।

विधानसभा में मुख्यमंत्री का बड़ा बयान

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा, "हम किसी भी विभाग में पद खाली नहीं रहने देंगे। विपक्ष थोड़ी मदद करेगा तो हम प्रमोशन पर भी ठीक रास्ते पर जा रहे हैं। हम सभी वर्गों के जो प्रमोशन अटके हैं, उनका समाधान खोज रहे हैं, ताकि नीचे के रिक्त पद भी भरे जा सकें। यह काम हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ करेगी।"

9 साल से अटके हैं प्रमोशन

मप्र में प्रमोशन प्रक्रिया पिछले 9 साल से रुकी हुई है। इस दौरान करीब 1 लाख से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं। निचले स्तर से लेकर वरिष्ठ पदों तक पदोन्नति की राह में कानूनी और प्रशासनिक बाधाएं बनी हुई हैं। इससे न सिर्फ कर्मचारियों में असंतोष है बल्कि कई विभागों में रिक्तियों के कारण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।

आखिर क्यों अटके थे प्रमोशन?

दरअसल, पदोन्नति में आरक्षण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित था। कोर्ट के निर्देशों और विभिन्न याचिकाओं के चलते सरकार प्रमोशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा पाई। इस कानूनी पेच के चलते पिछले 9 वर्षों से कोई भी विभाग प्रमोशन नहीं कर सका।

सरकार ने निकाला समाधान

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने प्रमोशन प्रक्रिया को लेकर तीन क्राइटेरिया तय कर लिए हैं। पहला, प्रमोशन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होगी। दूसरा, प्रक्रिया में सभी संवर्गों का संतुलन रखा जाएगा। तीसरा, विभागवार रिक्तियों और पात्रता के अनुसार चरणबद्ध ढंग से प्रमोशन किए जाएंगे।

मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी कर सकती है, ताकि सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का पालन करते हुए प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

कर्मचारियों में उम्मीद

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राज्य के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में एक बार फिर आशा जगी है। कर्मचारी संगठन भी सरकार के रुख का स्वागत कर रहे हैं और जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिए जाने की अपेक्षा कर रहे हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

साल 2002 में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान करते हुए प्रमोशन नियम बनाए। इसके बाद आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलने लगा, लेकिन अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों में असंतोष पनपने लगा।

मामला तब गंभीर हो गया जब बड़ी संख्या में अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी प्रमोशन से वंचित रह गए और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि प्रमोशन में आरक्षण का लाभ सिर्फ एक बार मिलना चाहिए।

हाईकोर्ट का फैसला और सुप्रीम कोर्ट की रोक

इन तर्कों के आधार पर मप्र हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को खारिज कर दिया। सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए प्रमोशन पर रोक लगा दी। इसके बाद से मप्र में सभी विभागों में प्रमोशन ठप हो गए।

राजनीतिक गलियारों में उठा बवाल

हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजनीति में भी गर्माहट आ गई। 12 जून 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी-अधिकारियों (अजाक्स) के सम्मेलन में पहुंचे। उस समय विधानसभा चुनाव में करीब ढाई साल का समय बाकी था।

सम्मेलन में शिवराज ने कहा था, "मेरे होते हुए कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। मध्यप्रदेश सरकार प्रमोशन में भी आरक्षण देगी।"

उन्होंने यह भी जोड़ा, "संविदा भर्तियों में भी आरक्षण दिया जाएगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर के आरक्षण की बदौलत ही मैं मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सके हैं।"

जातिगत राजनीति और नाराजगी

शिवराज सिंह का यह बयान सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक चर्चा में आ गया। सवर्ण वर्ग, जो पहले से आर्थिक आधार पर आरक्षण की वकालत कर रहा था, खुलकर नाराज हो गया। ग्वालियर-चंबल अंचल में इस बयान के खिलाफ सबसे ज्यादा आंदोलन हुए। आंदोलन इतने व्यापक हो गए कि कई जगहों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए और सवर्ण संगठनों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

2018 के चुनाव में दिखा असर

2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। राजनीतिक पंडितों का मानना था कि शिवराज के 'माई का लाल' वाले बयान ने पार्टी को ग्वालियर-चंबल जैसे मजबूत गढ़ों में नुकसान पहुंचाया। परिणामस्वरूप बीजेपी कई अहम सीटें हार गई और कांग्रेस सत्ता में लौट आई।

अब क्या तैयारी कर रही सरकार?

अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संकेत दिए हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और सभी वर्गों के संतुलन के साथ प्रमोशन की प्रक्रिया फिर से शुरू करने की दिशा में बढ़ रही है। सरकार तीन अहम क्राइटेरिया के आधार पर योजना बना रही है, ताकि एक संतुलित और कानूनी रूप से मजबूत समाधान सामने लाया जा सके।

क्या होगा असर?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होती है तो इससे जहां वर्षों से अटके अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी, वहीं सरकार को प्रशासनिक स्तर पर रिक्त पदों को भरने में भी मदद मिलेगी।

राजनीतिक नजरिए से भी अहम

यह मुद्दा आगामी चुनावों से पहले सरकार के लिए भी बेहद संवेदनशील है। सरकार प्रमोशन प्रक्रिया को लेकर सतर्कता बरत रही है ताकि किसी भी वर्ग में असंतोष न फैले। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार कोर्ट के फैसले की दिशा में आगे बढ़कर इस जटिल मुद्दे को किस तरह सुलझाती है।

slot gacor slot gacor sabung ayam online jabartoto Slot777 Slot88 Slot Gacor Slot Maxwin slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Slot Gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login