नेशनल डेस्कः
मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत पांच प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने शनिवार को तारीखों का ऐलान कर दिया। छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में एक चरण में चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे। सभी राज्यों के नतीजों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 12 और 20 नवंबर को होंगे, तो वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव होंगे। तेलंगाना में 7 दिसंबर को चुनाव होगा। चुनाव की तारीखों के साथ ही राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से लगातार शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार में है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटों पर कब्जा किया था। तब बीजेपी का राज्य में वोट पर्सेंट 44.88% रहा था। वहीं कांग्रेस के लिए यह सफर मुश्किल भरा हो सकता है, क्योंकि उसे 2013 में मात्र 58 सीटें ही मिली थीं और वोट प्रतिशत था 36.38%। राज्य मे सरकार बनाने के लिए 116 सीटों चाहिए। इस बार बीजेपी के लिए राज्य में सरकार बनाना मुश्किल हो सकता है। मध्य प्रदेश में बीजेपी को जातिगत समीकरण और एससी/एसटी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान का इतिहास कुछ ऐसा कि यहां एक बार सत्ता में बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को मौका मिलता है। यहां की जनता दोबारा किसी दल को सरकार बनाने का मौका नहीं देती है। राज्य में 2013 में बीजेपी ने पांच साल बाद सत्ता में वापसी की और वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाया गया। बीजेपी ने पिछले चुनाव में 163 सीटें जीतीं थी। वहीं इस चुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ और 21 सीटों पर जीत नसीब हुई, जबकि 2008 में कांग्रेस के पास 96 सीटों का आंकड़ा था। राजस्थान में बीजेपी ने वसुंधरा पर, तो कांग्रेस ने सचिन पायलट को मैदान में उतारा है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने सन् 2000 में दो अलग राज्यों का गठन किया था, जिसमें एक छत्तीसगढ़ भी था। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के समय कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी और चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पिछले डेढ़ दशक से यहां बीजेपी सत्ता में है। छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र और आदिवासी बहुल वर्ग के लोग हैं। पिछले 10 सालों से यहां के सीएम डॉ. रमन सिंह हैं। राज्य में जातिगत समीकरण और मौजूदा राजनीति में नेताओं की नाराजगी इस बार भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है।
मिजोरम में भारतीय जनता पार्टी के पास एक भी सीट नहीं है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है। राजनीति के हिसाब से देखा जाए तो नॉर्थ-ईस्ट का यह सबसे छोटा राज्य है। बीजेपी इस राज्य में कांग्रेस को हराने की हरसंभव कोशिश करेगी, ताकि उसका ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का सपना पूरा हो सकता है।
यह चुनाव 2019 का सेमीफाइनल माना जा रहा है और दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की साख दांव पर है। बीजेपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर ज्यादा फोकस करेगी, क्योंकि इन तीनों राज्यों में भाजपा सत्ता में है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पिछले एक दशक से ज्यादा का समय भाजपा को शासन करते हो गया है। वहीं कांग्रेस इन तीनों राज्यों में कांग्रेस जीत दर्ज कर 2019 के लिए मजबूत दावेदारी पेश करना चाहेगी।