भिंड.
त्योहारों के मौसम में जहां बाजारों में रौनक बढ़ती है, वहीं अब मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। सर्राफा बाजार में इन दिनों मिलावटी और नकली चांदी के सिक्कों की खुलेआम बिक्री हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि असली चांदी में जस्ता मिलाकर ऐसे सिक्के तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें सामान्य खरीदार पहचान नहीं पाते।
जांच के बगैर न करें खरीदारी
त्योहारों पर लोग धार्मिक कारणों से चांदी के सिक्के खरीदते हैं। लेकिन इस बार बाजार में ऐसे सिक्के बड़ी मात्रा में खपाए जा रहे हैं जिनमें 92.5 या 999 हॉलमार्क नहीं होता। विशेषज्ञों की मानें तो चांदी के सिक्के खरीदते समय सबसे पहले हॉलमार्क और फर्म की सील देखनी चाहिए। प्रमाणित दुकान से ही खरीदारी करें और हमेशा रसीद अवश्य लें, ताकि धोखाधड़ी की स्थिति में शिकायत की जा सके। अक्सर पुराने या एंटीक सिक्कों के नाम पर मिलावटी धातु वाले सिक्के दिए जा रहे हैं। इससे बचने के लिए सिक्कों का बारकोड स्कैन करें और मार्का जांच अवश्य करें।
सोना-चांदी के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी
अशोक धर्मकांटा के संचालक अशोक सोनी बताशा बाजार के अनुसार इस बार त्योहारी सीजन में सोने-चांदी के दामों ने आम खरीदारों की जेब पर भारी असर डाला है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को चांदी का भाव ₹1,65,000 प्रति किलो तक पहुंच गया। दो साल पहले तक जो सोने की लोंग ₹500 से ₹800 में मिल जाती थी, अब उसकी कीमत ₹2000 से ₹2500 तक हो गई है। इसी तरह चांदी की पायलें, जो पहले ₹1500 से ₹2000 में मिल जाती थीं, अब ₹4000 से ₹4500 तक बिक रही हैं।
त्योहार की चमक पर पड़ा असर
दामों में इस बढ़ोतरी और नकली चांदी की बढ़ती बिक्री से सर्राफा व्यापारी भी मायूस हैं। उनका कहना है कि दीपावली जैसे बड़े पर्व पर भी इस बार बाजार में वह रौनक नहीं दिख रही जो हर साल देखने को मिलती थी।
ग्राहकों से अपील
सतर्क रहें, प्रमाणित खरीदारी करें – विशेषज्ञों और सर्राफा व्यापारियों ने ग्राहकों से अपील की है कि वे लालच या जल्दबाजी में खरीदारी न करें। हमेशा प्रमाणित दुकानों से ही सोने-चांदी के सिक्के और जेवर खरीदें। हॉलमार्क, सील, रसीद और बारकोड जांचें, ताकि नकली या मिलावटी धातु से बचा जा सके।