लखनऊ
देश के सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे में शामिल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर को प्रस्तावित है, लेकिन एयरपोर्ट तक सुगम यातायात सुविधा की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ई-बस सेवा अब भी कागजों में उलझी हुई है. बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से यात्रियों का सीधे एयरपोर्ट पहुंचना मुश्किल होगा.
500 बसों की योजना
जिले में सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना तैयार की गई थी जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्रों को शामिल किया गया है. योजना के मुताबिक नोएडा में 300, ग्रेटर नोएडा व यीडा क्षेत्र में 100-100 बसें चलाई जानी है. इसके लिए 25 रूट प्रस्तावित किए गए है.
कंपनी का गठन अधर में लटका
अभी तक बस संचालन के लिए आवश्यक जरूरतें जैसे बस स्टैंड, ई-चार्जिंग स्टेशन और वर्कशॉप आदि पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई है. इतना ही नहीं तीनों प्राधिकरणों की सहमति के बावजूद बसों के संचालन के लिए गठित की जाने वाली संयुक्त कंपनी ग्रीन ट्रांसपोर्ट लिमिटेड का औपचारिक गठन भी अधर में लटका हुआ है.
करीब 675 करोड़ की लागत
इस योजना की लागत लगभग 675 करोड़ रुपये आंकी गई है इसे प्लान करके लागू करने पर विचार किया जा रहा है. शासन स्तर पर दो निजी कंपनियों ट्रैवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्रा. लि. और डेलबस मोबिलिटी का चयन कर लिया गया है, जो बस संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी.
यात्रियों के बिना कैसे चलेंगी बसें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने स्पष्ट किया कि बिना पर्याप्त यात्री संख्या के रूट पर बसें चलाने से तीनों प्राधिकरणों पर फाइनेंशियल बोझ बढ़ सकता है. इसलिए बसों के संचालन से पहले एक बार इस रूट का सर्वे करना जरूरी है.
यीडा ने शुरू की तैयारी
यीडा ने एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए अपने ई-बस रूट में एयरपोर्ट को प्रमुख ठहराव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से यात्रियों की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए ई-बस रूट की शुरुआत नोएडा एयरपोर्ट से ही की जाएगी. एयरपोर्ट उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर विमान सेवाएं शुरू होने की संभावना है. ऐसे में यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के बेहतर कनेक्टिविटी होनी जरूरी है.