घर के हर हिस्से में वास्तु नियमों का ध्यान रखवी जरूरी माना गया है। इसी के साथ मंदिर भी घर का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें यदि आप वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे मिलने वाले सकारात्मक परिणाम बढ़ जाते हैं।
रखें इन बातों का ध्यान
कभी भी घर के मंदिर को सीधा फर्श पर नहीं रखना चाहिए। इसी हमेशा थोड़ी ऊंचाई पर रखें। इसके साथ ही आपके मंदिर में हवा और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था भी होनी चाहिए। इन नियमों का ध्यान रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
इसके साथ ही आपका मंदिर शांत स्थान पर होना चाहिए, ताकि पूजा-पाठ के दौरान कोई विघ्न न पड़े। मंदिर में साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको वास्तु दोष का सामना न करना पड़े। वहीं अगर आपके मंदिर के नीचे जूते-चप्पल रखे हैं, तो यह भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
मूर्ति रखने के नियम
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि मंदिर में कभी भी शनिदेव और भगवान शिव की मूर्ति को एक साथ नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही घर के मंदिर में मां काली, राहु, केतु, और शनि देव की मूर्ति रखने भी बचना चाहिए। वरना आपको नकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं। अगर आपके मंदिर में शिवलिंग स्थापित हैं, तो उसके पास बहुत अधिक मूर्ति न रखें और एक से अधिक शिवलिंग भी अपने मंदिर में न रखें।
मंदिर की सही दिशा
वास्तु शास्त्र में मंदिर रखने के लिए उत्तर-पूर्वी कोने यानी ईशान कोण को सबसे उत्तम माना गया है। इसी के साथ मंदिर का मुख पूर्व की ओर होना चाहिए। इन नियमों का ध्यान रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है।
इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि मंदिर के पास बेडरूम या बाथरूम नहीं होना चाहिए। वरना आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।
रख सकते हैं ये चीजें
सकारात्मक परिणाम देखने के लिए आप अपने मंदिर में तुलसी का पौधा, गंगाजल और कलश आदि रख सकते हैं। इससे आपको अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। साथ ही घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है।