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होम लोन और कार लोन की EMI होगी कम, वित्त मंत्री ने किया ऐलान

नई दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था को लेकर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के खुलासे के बाद से मोदी सरकार बुरी तरह घिरी हुई है, जिस पर जवाब देने के लिए शुक्रवार शाम तक केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया के सामने आईं. इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई ऐलान किए. उन्होंने कहा कि बैंक रेपो रेट को ब्याज दर से लिंक करने पर राजी हो गए हैं. इसका असर यह होगा कि व्हीकल लोन और हाउस लोन समेत अन्य लोन की ईएमआई दर में कमी आएगी. हालांकि पब्लिक सेक्टर के बैंक पहले से ही रेपो रेट को ब्याज दर से जोड़ चुके हैं. अब प्राइवेट बैंक भी रेपो रेट को ब्याज दर से जोड़ देंगे, जिसका फायदा होम लोन और वाहन लोन की ईएमआई देने वालों को मिलेगा. आपको बता दें कि आरबीआई जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है, उसको रेपो रेट कहते हैं.

सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ देने का ऐलान

सीतारमण ने सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की. इससे बैंकों को नए कर्ज देने में कोई परेशानी नहीं होगी. ब्याज दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को MCLR के जरिए दिया जाएगा. ब्याज दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगा. इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब बैंक हाउस लोन चुकता होने के बाद 15 दिन के अंदर लोन के दस्तावेज उपलब्ध करा देंगे. साथ ही होम लोन और कार लोन के आवेदन की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी.

दुनिया के दूसरे देश भी कर रहे मंदी का सामना

इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि मंदी की समस्या सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि दुनिया के बाकी देश भी मंदी का सामना कर रहे हैं. दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था फिर भी बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी को समझने की जरूरत है. चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के कारण मंदी के हालात पैदा हुए हैं.

लगातार किए जा रहे आर्थिक सुधार

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार लगातार देश में आर्थिक सुधार कर रही है और सुधार एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना पहले से काफी आसान हुआ है. जीएसटी को भी और आसान बनाया जाएगा.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स को लेकर लोगों को परेशान करने के सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं. हम टैक्स और लेबर कानूनों में लगातार सुधार कर रहे हैं. टैक्स नोटिस के लिए केंद्रीय सिस्टम होगा और टैक्स के लिए किसी को परेशान नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर से केंद्रीय सिस्टम से नोटिस भेजे जाएंगे. इससे टैक्स से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज वापस लेने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में कैपिटल गेन्स और फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) पर सरचार्ज नहीं लिया जाएगा.

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