असम में बाढ़ के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. सोमवार को राज्य में रेड अलर्ट का ऐलान कर दिया गया. लगातार हो बारिश के चलते असम के करीब 43 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. मूसलाधार बारिश के हजारों इमारतों को नुकसान हुआ, जबकि कई इमारतें धराशाही हो गई हैं. बाढ़ के चलते हज़ारों गांव का संपर्क टूट गया है. काजीरंगा नेशनल पार्क का 95 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है.
काजीरंगा में भारी तबाही
काजीरंगा नेशनल पार्क में पिछले दो दिनों में बाढ़ से 17 जानवरों की मौत हो गई है. कई जानवरों को पार्क से बाहर निकलते देखा गया. जानवर जहां-तहां फंसे हुए हैं. बाढ़ में फंसे जानवरों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.
पानी का सैलाब
असम के 33 में से 30 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. एक अनुमान के मुताबिक करीब 43 लाख लोगों पर इस बाढ़ का असर पड़ा है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बारपेटा है. यहां बाढ़ की वजह से 7.35 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. इसके अलावा मोरीगांव, ग्वालपाड़ा, नगांव और हैलाकांडी जिले भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
गुवाहाटी में खतरा
ब्रह्मपुत्र नदी के जल स्तर के बढ़ने से राज्य की राजधानी गुवाहाटी के हालात भी खराब हो गए हैं. कहा जा रहा है कि अगर बारिश नहीं थमी तो गुवाहाटी शहर में भी पानी भर सकता है. इस वक्त राज्य की दस नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
केंद्र की मदद
केंद्र सरकार ने राज्य हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने NDRF और बाक़ी एजेंसियों को निर्देश दिया कि वो बचाव और पुनर्वास में लगातार लगे रहें.
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में बाढ़ के हालात और बिगड़ सकते हैं. खासतौर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में बारिश का भी आशंका जताई जा रही है.