Wednesday , September 24 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोजन

हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोजन

आमसभा, विशाल सोनी / चंदेरी

मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन मुख्यालय भोपाल जिला इकाई अशोकनगर एवं नवांकुर विद्यापीठ गंज बासौदा द्वारा संस्कृति विभाग मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से आयोजित नवलेखन कार्यशाला का भव्य एवं सादगी पूर्ण तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन प्रबंध संचालक संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल के मुख्य आतिथ्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार सम्पादक डॉ निरंजन श्रोत्रिय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ l कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल के अध्यक्ष पलाश सुरजन एवं बाहर से पधारे हुए सभी अतिथियों सुरेंद्र रघुवंशी, रंगकर्मी हरिओम राजोरिया, वरिष्ठ कवि संजय, नवांकुर विद्यापीठ के प्राचार्य शैलेंद्र दीक्षित, अशोक नगर इकाई के अध्यक्ष बृज नारायण बोहरे व सचिव अन्नपूर्णा सिसोदिया द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया lकार्यशाला में 17 बच्चे अशोकनगर के एवं गंजबासौदा के 12 बच्चों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि राजीव शर्मा ने कहा बच्चों को देखते हुए यह एक सही व सार्थक पहल है l हम ज्ञान के फव्वारे है, आज जिन हाथों में पत्थर थमाय जा रहे हैं उन्हें कलम थमाई जा रही है यह अच्छा हो रहा है दो दशकों से हमारी नई पीढ़ी का अपहरण कर लिया गया था, बच्चों के जीवन को चुरा लिया था l यहां आज मुझे वास्तव में बच्चे दिखाई दे रहे हैं l आलोचना निंदा करने के पहले सार्थक पहल बहुत जरूरी है और यह एक सार्थक पहल हैl यह बच्चे साहित्य शाला से जुड़े हर प्रश्न साहित्य क्या है, उद्देश्य क्या है कैसे अच्छा साहित्यकार बना जा सकता है उसे सीखेंगे l पर जो सिखाया जाए उस पर रौब में ना रहे आप भारत में उस दौर में पैदा हुए जब भारत अंगड़ाई ले रहा है देश ऊंचाई पर पहुंचा है , बच्चे हर क्षितिज पर झंडा गाड़ चुके हैं अध्ययन करने की जरूरत है भारत के अंदर जो व्यवस्था खड़ी है प्रत्येक की प्रतिभा वाधित है, हमें उम्मीद है कार्यशाला में और कुछ ना सीखें पर आप जिज्ञासु बने, प्रश्न पूछना जरूर सीख कर जाएं । कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रख्यात साहित्यकार डॉ निरंजन श्रोत्रिय ने कहा इस साहित्य सम्मेलन में हम आज की चिंता नहीं आने वाले कल की चिंता कर रहे हैं l 3 दिन घर से, मोबाइल से दूर रहकर कविता, कहानी कला की साधना करने की प्राथमिकता तय कर ली आप बधाई के पात्र हैं l

आज जो बच्चे यहां हैं, उनकी प्रतिभा को निखारा जा सकता है दिशा दी जा सकती है उन्होंने कहा दो चीजें आवश्यक समझता हूं संवेदना और दूसरी संवेदन प्रणाली, सुनने में एक से है पर दोनों में फर्क है l हम भले ही कुछ न लिखें पर अच्छा पड़ना हमें जरूर आना चाहिये l जब तक हम अच्छा नहीं पड़ेंगे अच्छा लिख भी नहीं सकते l यदि कोई पुल पार करके यह समझे कि उसने नदी पार कर ली है तो यह उसकी भूल है पुल पार करना और बात है नदी पार करना ओर बात है l, मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल के अध्यक्ष पलाश सुरजन ने कार्यशाला पर प्रकाश डालते हुए कहा हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोज 61 सालों से किया जा रहा है हिंदी साहित्य हिंदी भाषा को बढ़ाने तमाम जगहों पर शिविर किए गए नई पीढ़ी को साहित्य से कैसे जोड़ा जाए इसीलिए कार्यशाला की जा रही है l नई पीढ़ी में दो पुरस्कार हैं जो 40 साल व साल 50 साल तक की उम्र में अलग अलग दिये जाते हैं l

बृज नारायण वोहरे ने कहा साहित्य के क्षेत्र में यह जिले का पहला कार्यक्रम है l बच्चे इससे सीखेंगे व सृजन करेंगे l कार्यशाला का सफल संचालन हिंदी साहित्य सम्मेलन के सचिव वरिष्ठ कवि मणि मोहन द्वारा किया गया l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)