Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / ट्रेनों के एसी कोच से कौन चुरा ले गया 24 करोड़ का तौलिया, कंबल, चादर और तकिया ?

ट्रेनों के एसी कोच से कौन चुरा ले गया 24 करोड़ का तौलिया, कंबल, चादर और तकिया ?

नई दिल्ली: 

ट्रेन के वातानुकूलित (एसी) कोचों से करीब 14 करोड़ के सामान गायब हो गए. ये बेडरोल आइटम हैं. जिसमें तौलिया, चादर, तकिए के गिलाफ, कंबल आदि शामिल हैं. इन कोचों में सफर करने वाले समृद्ध लोगों पर तौलिया, चादर और कंबल चोरी का संदेह रेलवे की ओर से जताया जा रहा. वर्ष 2017-18 के दौरान ट्रेनों के एसी कोचों से लाखों तौलिया, चादर और कंबल गायब हो गए. यह जानकारी रेलवे के एक अधिकारी ने दी.

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में देशभर में ट्रेनों के एसी कोचों से करीब 21,72,246 बेडरोल आइटम गायब हो गए हैं, जिनमें 12,83,415 तौलिए, 4,71,077 चादर और 3,14,952 तकिए के गिलाफ चुरा लिए गए. इसके अलावा, 56,287 तकिए और 46,515 कंबल गायब हैं. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “गायब हुए इन सामान की कुल कीमत 14 करोड़ रुपये है.” यही नहीं, शौचालयों से मग, फ्लश पाइप और दर्पणों की चोरी की रिपोर्ट भी नियमित तौर पर आती है.  चोरी की इन घटनाओं ने उच्च श्रेणी के यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने की कोशिश में जुटी रेलवे के लिए नई समस्या पैदा कर दी है.

वर्तमान में एससी कोचों में 3.9 लाख लिनेन रोजाना रेल यात्रियों को प्रदान किए जाते हैं, जिनमें प्रत्येक सेट में दो चादर, एक तौलिया, एक तकिया और एक कंबल होते हैं. अधिकारी ने बताया, “कोच सहायकों से मिली जानकारी के अनुसार, यात्रा की समाप्ति पर यात्री सबसे ज्यादा तौलिया और उसके बाद चादर चुराकर ले जाते हैं.” अधिकारी ने बताया, “तौलिए की चोरी होने के कारण रेलवे ने फैसला लिया है कि एसी कोचों में सफर करने वाले यात्रियों को सस्ते, छोटे और एक बार इस्तेमाल करके फेंकने वाले नैपकिन दिए जाएंगे.”

रेलवे ने कुछ रेल-खंडों पर कंबलों का गिलाफ बदलना शुरू कर दिया है, जबकि सफाई मासिक की जगह हर पखवाड़े व सप्ताह होने लगी है. भारतीय रेल के 16 जोनों में से सिर्फ दक्षिणी जोन में 2,04,113 तौलिए, 29,573 चादर, 44,868 तकिए के गिलाफ, 3,713 तकिए और 2,745 कंबल चुराए गए. दक्षिण-मध्य जोन में 95,700 तौलिए, 29,747 चादर, 22,323 तकिए के गिलाफ, 3,352 तकिए और 2,463 कंबल चुराए गए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)