नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की डिग्री को लेकर कई बार विवाद हो चुका है. हालांकि चुनाव आयोग की ओर से उनको क्लीन चिट मिल गई है. इसी मुद्दे पर रवीश कुमार ने जब राहुल गांधी से सवाल पूछा तो कहा कि मेरे पास एमफिल की डिग्री है. जब चाहें तब दिखा सकता हूं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के शाजापुर में राहुल गांधी ने एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार से खास बातचीत की है और कई मुद्दों पर जवाब दिए हैं. जम्मू-कश्मीर का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमनें रणनीतिक तरीके से काम किया. हर बात जनता को नहीं बताई जा सकती है. हमने सोच-समझकर काम किया. मनमोहन सिंह जी ने जो काम 90 के दशक में किया और बाद में किया उसी से देश यहां तक पहुंचा. भाषण से काम नहीं चलता है. राहुल गांधी ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो मैंने डॉ. मनमोहन सिंह जी को वादा किया था कि मैं सरकार में दखल नहीं दूंगा. कांग्रेस अध्यक्ष को भी यही कहा था. मैंने पहले ही आश्वस्त कर दिया था कि मैं कांग्रेस को मजबूत करूंगा, मगर सरकार में काम नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि अब 23 मई को जो जनता तय करेगी कि मेरी भूमिका क्या हो. वही करूंगा. अभी कोई फैसला नहीं लिया है.
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राहुल गांधी से जब उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता, दादा और दादी की सच्चाई जानता हूं, इसलिये कोई कुछ कहे मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नामदार के संबोधन पर कहा कि 23 मई को सब तय हो जाएगा. ईवीएम के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि ये देखना चुनाव आयोग का काम है. हालांकि मुझे चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं लगती है. पीएम कुछ भी बोलते हैं, उसपर कोई कार्रवाई नहीं करता है. राहुल गांधी ने कहा कि इस बार जानबूझ कर चुनाव की तारीखें इस तरीके से तय की गईं कि भाजपा को फायदा हो.
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राहुल गांधी ने कहा कि सैम पित्रोदा ने बिलकुल गलत कहा. मैंने उन्हें कहा कि ऐसा बिलकुल नहीं कहना चाहिए. 1984 के दंगों में जो लोग भी शामिल हैं, उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि 1984 के दंगों को लेकर कोई डिबेट नहीं है. वह एक भयंकर ट्रेजडी है. 1984 दंगे में जो भी आरोपी है, उन्हें बुक किया जाना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि एक साल में 22 लाख सरकारी नौकरियां दे देंगे. हमारी पूरी कोशिश होगी. हेल्थकेयर में बजट बढ़ाएंगे. बगैर पब्लिक हेल्थ सिस्टम और एजुकेशन सिस्टम के काम नहीं चल सकता है. हेल्थकेयर और एजुकेशन में सरकार की भूमिका बढ़ानी पड़ेगी. हम 2019 के संस्थान बनाना चाहते हैं.