नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को राज्यसभा का नेता बनाया गया है. वह बीजेपी नेता अरुण जेटली की जगह लेंगे. गौरतलब है कि जेटली का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. गहलोत सदन में पहली कुर्सी पर बैठेंगे जो चेयरमैन की सीट के दाईं ओर है. उनके बाद पीएम मोदी की सीट है. थावरचंद गहलोत बीजेपी का दलित चेहरा हैं. उन्हें बीते महीने मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया था. उन्हें दूसरी बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है. गहलोत को राज्यसभा का नेता बनाकर बीजेपी ने दलित समुदाय को संदेश देने की कोशिश की है.
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बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए भी रामनाथ कोविंद का नाम देकर दलित समुदाय को अपनी ओर खींचने की कोशिश की थी. दिलचस्प बात ये है कि गहलोत देश के राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी शामिल थे. गहलोत राज्यसभा के सांसद हैं और वह मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं. राज्यसभा से पहले गहलोत शाजापुर लोकसभा सीट से 1996 से 2009 तक सांसद थे. परिसीमन के बाद, शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया.
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2009 में गहलोत, कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा से चुनाव हार गए थे. सज्जन सिंह वर्मा वर्तमान में कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं. गहलोत 2012 में राज्यसभा सांसद बने और 2018 में मध्यप्रदेश से दोबारा चुनकर आए. उनका राज्यसभा का कार्यकाल 2024 में खत्म होगा. वहीं अरुण जेटली को 2014 में राज्यसभा का नेता चुना गया था. हालही में हुए लोकसभा चुनावों में मिली बीजेपी को जीत के बाद जेटली ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. इस पत्र में जेटली ने पीएम मोदी ने गुजारिश की थी कि वह स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहते. वह बीते 18 महीनों से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से घिरे हुए हैं और उन्हें अपने इलाज के लिए समय की जरूरत है.