केरल के बहचर्चित सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज़ मलयालम एक्टर कोल्लम तुलसी ने विवादास्पद बयान दिया है. तुलसी ने कहा कि सबरीमाला में आने वाली महिलाओं के दो टुकड़े कर देने चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका एक टुकड़ा दिल्ली भेज देना चाहिए, जबकि दूसरे को मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर फेंकना चाहिए.
SC के आदेश के पहले भी सबरीमाला मंदिर में थी महिलाओं की एंट्री!
एक्टर तुलसी ने शुक्रवार को ये बातें कोच्चि में एक रैली में कही. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बीजेपी की ओर से ये रैली आयोजित की गई थी. कोल्लम तुलसी ने कहा कि कोर्ट ने भले ही सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में एंट्री की परमिशन दी है, लेकिन मंदिर के पुराने भक्त बिल्कुल नहीं चाहते कि मंदिर की परंपरा तोड़ी जाए.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने आदेश में सभी उम्र की महिलाओं को एंट्री की इजाजत दे दी है. इसके पहले 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी.
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फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था, ‘महिलाएं समाज में बराबर की हिस्सेदार हैं. पुरानी मान्यताएं और पितृसत्तात्मक सोच आड़े नहीं आनी चाहिए. समाज को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी.’
बता दें कि केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी पर सबरीमाला मंदिर बना है. महिलाओं के प्रवेश को लेकर इसके प्रबंधन का कहना था कि पीरिएड्स होने की वजह से 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता (मासिक धर्म) बनाए नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित था. हालांकि, कोर्ट ने 53 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया है.