समाजवादी पार्टी से बगावत कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा का गठन करने वाले शिवपाल यादव पर योगी सरकार कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रही है. राज्य संपत्ति विभाग ने शिवपाल यादव को नया बंगलाआवंटित किया गया है. दिलचस्प बात ये है कि इस बंगले में कभी बसपा अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का आफिस हुआ करता था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मायावती इस बंगले को छोड़कर इसी बंगले से सटे दूसरे बंगले में शिफ्ट हो गई हैं. अब मायावती के पुराने आफिस वाले बंगले को शिवपाल के नाम पर आवंटित कर दिया गया है. इस तरह से शिवपाल एक तरह से मायावती पड़ोसी भी हो गए हैं.
शिवपाल पर प्रशासन की इस मेहरबानी से कई कयास लगाए जाने लगे हैं. राज्य संपत्ति विभाग के इस फैसले को सियासी नजरिए से देखा जाने लगा है. शिवपाल को एलबीएस-6 सरकारी बंगला दिया गया है.
हालांकि शिवपाल को ये बंगला बतौर विधायक दिया गया है. बंगले का आवंटन होने के बाद शिवपाल तत्काल बंगले में गए और वहां का निरीक्षण किया. बताया जा रहा है कि अब इस बंगले में शिवपाल अपनी पार्टी का आफिस बना सकते हैं.
वहीं, शिवपाल पर सरकार की मेहरबानी के पीछ माना जा रहा है कि अखिलेश के खिलाफ शिवपाल को आगे बढ़ाकर बीजेपी यूपी में 2019 की सियासी जंग फतह करना चाहती है.