नरेंद्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भी भाजपा व तृणमूल कांग्रेस में तकरार शुरू हो गई है। भाजपा ने इस समारोह के लिए पश्चिम बंगाल में पिछले एक साल में राजनीतिक हिंसा में मारे गए 50 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को आमंत्रित किया है। इससे नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के एक और विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
भाजपा ने साफ किया है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं के परिजनों को हमारे शहीदों (मृत कार्यकर्ताओं) के प्रति सम्मान व्यक्त करने के भाव के रूप में प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है। राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली आ रही इन परिजनों की नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भाजपा नेता उनकी अगवानी करेंगे। भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा कि पार्टी ने उनका ट्रेन टिकट बुक कराया है और व्यक्तिगत रूप से उन्हें सूचना दी है।
तृणमूल कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताते हुए राज्य प्रशासन को अपमानित करने का कदम बताया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि वह मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी क्योंकि भाजपा का यह दावा झूठा है कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा में उसके 54 कार्यकर्ता मारे गए हैं। इसके पहले ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि वह शपथग्रहण समारोह में शामिल हो सकती हैं।
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इस बीच बुधवार को तृणमूल विधायक मनीरूल इस्लाम और पूर्व विधायक गदाधर हाजरा समेत कुछ नेता भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में प्रदेश प्रभारी एवं पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा नेता मुकुल राय की मौजूदगी में तृणमूल के इन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली।