नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली ‘राम की जन्मभूमि’ फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ने ‘राम की जन्मभूमि’ फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा था कि इससे अयोध्या भूमि विवाद में जारी मध्यस्थता प्रक्रिया पर असर होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया और फिल्म प्रदर्शित होने के बीच कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि वह ‘राम की जन्मभूमि’ फिल्म को लेकर दायर याचिका पर दो सप्ताह के बाद सुनवाई करेगा। यह फिल्म 29 मार्च को देश भर के सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली है।
फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ के समक्ष आई। ‘राम की जन्मभूमि’ फिल्म का निर्देशन सनोज मिश्रा ने किया है। फिल्म की कहानी विवादित राम मंदिर मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमती है।
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी तरह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुये बुधवार को कहा था कि संविधान के तहत मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी को यदि बरकरार रखना है तो लोगों को सहिष्णु बनना पड़ेगा।
अदालत ने यह टिप्पणी याकूब हबीबुद्दीन तूसी नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। स्वयं को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज बताने वाले तूसी ने फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ के रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।