अमेरिका सरकार ने भारतीय कंपनियों को सख्त चेतावनी दी है कि वे चीनी कंपनी हुवावे को किसी भी तरह से अमेरिकी कंपनियों के किसी इक्विपमेंट या अन्य उत्पादों की आपूर्ति न करें. अमेरिका ने कहा है कि जो कंपनी ऐसा करेगी उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अमेरिका सरकार ने 27 मई को इस आशय का एक लेटर भारतीय विदेश मंत्रालय को भेजा है. इसे भारत पर इस दबाव के रूप में देखा जा रहा है कि वह चीनी कंपनी Huawei (हुवावे) के खिलाफ कार्रवाई करे.
विदेश मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग (DoT), नीति आयोग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार से राय मांगी है कि हुवावे पर अमेरिकी अंकुश का भारतीय कंपनियों पर क्या असर हो सकता है. विदेश मंत्रालय ने पूछा है कि हुवावे को अमेरिकी सॉफ्टवेयर और इक्विपमेंट आपूर्ति करने वाली भारतीय कंपनियों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है.
गौरतलब है कि अमेरिका ने हाल में चीनी कंपनी हुवावे और इसकी कई ईकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें चीन में रजिस्टर्ड इस समूह की 35 कंपनियां और हुवावे श्रीलंका, हुवावे हांगकांग, हुवावे पाकिस्तान शामिल हैं.
मंत्रालय ने प्राग में हाल में संपन्न 5जी सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस की सिफारिशों पर भी राय मांगी है. हुवावे के पास सबसे ज्यादा 5जी का पेंटेंट है और इस टेक्नोलॉजी की वह अगुवा कंपनी है. इस सम्मेलन में चीनी कंपनियों को आमंत्रित नहीं किया गया था.
अमेरिकी सरकार को लगता है कि चीनी कंपनी हुआवे अमेरिका की जासूसी के लिए चीनी सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रही है और इस वजह से अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ने हुआवे के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं.
अमेरिका में हुआवे को बैन करने के बाद Google ने हुआवे से एंड्रॉयड का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. गूगल ने कहा था कि उसने हुआवे के लिए एंड्रॉयड का लाइसेंस खुद से कैंसिल नहीं किया है, बल्कि गूगल अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट के आदेश का पालन कर रही है.
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा था, ‘अस्थाई सामान्य लाइसेंस से ऑपरेटरों को व्यवसाय जारी रखने के लिये दूसरी व्यवस्था करने का समय मिल जाता है और विभाग जरूरी सेवाओं के लिये हुआवे के उपकरणों पर निर्भर अमेरिकी और विदेशी दूरसंचार कंपनियों के लिये उपयुक्त दीर्घकालिक उपाय कर सकेगा.’ हालांकि हुवावे को बैन से कुछ दिनों के लिए राहत दी गई है ताकि वह बड़े पैमाने पर होने वाली उठापटक से बच सके.