नई दिल्ली।
विधानसभा के लिए नाम मांगे जाने की प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित करने के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने शुक्रवार को हार की समीक्षा के लिए समिति गठित करने सहित कई अन्य फैसलों को लेकर भी प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने दो टूक शब्दों में शीला को कहा कि वह कोई भी निर्णय मर्जी से नहीं लेंगी बल्कि तीनों कार्यकारी अध्यक्षों से सलाह कर उन्हें भी विश्वास में लेंगी। प्रदेश प्रभारी होने के नाते उन्हें भी हर निर्णय की जानकारी देंगी।
कमेटी के गठन पर जताई थी नाराजगी
करीब पखवाड़े भर पहले शीला ने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए बिना चाको और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को जानकारी दिए बिना पांच सदस्यों की कमेटी भी गठित तो कर दी। इस पर कार्यकारी अध्यक्षों एवं चाको सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने इसे लेकर नाराजगी जताई।
बगावत का सता रहा डर
चाको ने शीला सहित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया को यह भी समझाया कि उन्होंने अभी से विधानसभा उम्मीदवारों के नाम से बगावत हो सकती है। हालांकि, शीला ने इस पर कुछ नहीं कहा।