लगातार दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शर्मनाक हार ने पार्टी को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया है. 2014 में 44 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस को पांच साल बाद थोड़ा आगे बढ़कर 52 सीटों पर तो जीत मिली है, लेकिन इस महासंग्राम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गांधी परिवार गढ़ रही अमेठी लोकसभा सीट गंवा दी है. यूपी की इस अहम सीट पर राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी ने शिकस्त दी है. ये हार इतनी बड़ी है कि हर तरफ इसकी चर्चा हुई और अब पार्टी इसके कारण तलाश रही है.
गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी लोकसभा क्षेत्र में राहुल गांधी की पराजय से जुड़े हर पहलू की समीक्षा शुरू हो गई है. दिलचस्प बात ये है कि राहुल की हार की समीक्षा बेहद गोपनीय तरीके से की जा रही है.
यूपी कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजीव सिंह ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि चुनाव परिणाम की समीक्षा गांव स्तर तक की जा रही है. इसके तहत ब्लाक तथा न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम की बैठकें हो रही हैं. उन्होंने बताया कि सारी जांच गोपनीय तरीके से हो रही है और नामित लोगों के अलावा उन बैठकों में किसी और के दाखिल होने पर पाबंदी है.
राजीव सिंह ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनैतिक कार्य देख रहे जुबैर खान और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा इस पूरी कवायद के लिए अमेठी में डेरा डाले हुए हैं. किशोरी लाल अमेठी में राजीव गांधी और राहुल गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में भी काम कर चुके हैं.
अमेठी में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55120 मतों के अंतर से हराया है. यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस के हाथ यह सीट खिसकी है. ऐसे में गांधी परिवार के इस गढ़ में पार्टी अध्यक्ष के ही हार जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गई थी. पार्टी जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, पार्टी के नेता धर्मेन्द्र शुक्ला ने राहुल को पत्र लिख कर उनके प्रतिनिधि चंद्र कांत दुबे को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए जांच की मांग की थी. अब कांग्रेस नेता बहुत ही गोपनीय तरीके से राहुल की हार की समीक्षा कर रही है.