नई दिल्ली:
कांग्रेस के बड़बोले नेता नवजोत सिंह सिद्धू के एक बयान पर सोशल मीडिया में उनको जमकर ट्रोल किया जा रहा है. दरअसल कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अमेठी से अगर राहुल गांधी चुनाव हार गए तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. अब सिद्धू को क्या पता था कि ‘मोदी लहर’ में राहुल गांधी अमेठी से भी हार जाएंगे जिसे गांधी परिवार का सबसे मजबूत गढ़ कहा जाता है. राहुल गांधी को मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से पराजित किया है. अमेठी की जनता का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उन्हें वह आत्मीयता नहीं मिल सकी, जो उनके दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मिलती थी.इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को 408,651 वोट मिले थे जबकि भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 300,748 वोट मिले थे. तब कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री को 1,07,000 वोटों के अंतर से हराया था. राहुल गांधी अमेठी से लगातार तीन बार सांसद रहे. उन्होंने 2009 में यह सीट 3,50,000 से भी ज्यादा मतों से जीती थी. कांग्रेस अध्यक्ष यहां से पहली बार 2004 में चुन कर संसद पहुंचे थे. अमेठी के लोगों का कहना है कि राजीव गांधी के समय शुरू की गयी कई परियोजनाएं और कार्यक्रम राहुल के सांसद रहते एक एक करके बंद होते गए. इससे हजारों लोगों की रोजी-रोजगार पर असर पड़ा. इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों ने रोजगार के लिए अमेठी से पलायन किया.
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अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार सुबह यहां की जनता का आभार व्यक्त किया. स्मृति ने ट्वीट किया, “एक नयी सुबह अमेठी के लिए, एक नया संकल्प … धन्यवाद अमेठी … शत शत नमन.” उन्होंने लिखा, “आपने विकास पर विश्वास जताया, कमल का फूल खिलाया. अमेठी का आभार.”