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प्रिया रमानी को मिली जमानत, कहा- कोर्ट को बताऊंगी पूरी कहानी

एम.जे. अकबर MeToo केस में पत्रकार प्रिया रमानी ने जमानत मिलने के बाद कहा कि ‘सत्य ही उनका ढाल है’ और वह जल्दी ही कोर्ट को अपनी कहानी बताएंगी. प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. प्रिया रमानी पर एम.जे. अकबर ने आपराधिक मानहानिक का मामला दर्ज किया है. इस मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को उनको जमानत मिल गई.

मोदी सरकार के पूर्व मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर किए गए मानहानि के मुकदमे में आज बतौर आरोपी प्रिया रमानी पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुई और जमानत के लिए अर्जी लगाई. कोर्ट ने कुछ ही मिनट हुई सुनवाई के बाद प्रिया रमानी को 10 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. प्रिया रमानी की तरफ से जमानत मिलने के बाद एक और अर्जी लगाई गई जिसमें मामले की सुनवाई के दौरान उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की कोर्ट से गुहार लगाई गई थी, लेकिन एमजे अकबर के वकीलों ने प्रिया रमानी की अर्जी का विरोध किया. कोर्ट ने इस मामले में अकबर के वकीलों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 8 अप्रैल तक का वक्त दिया है.

 जमानत मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रिया रमानी ने कहा, ’10 अप्रैल वे मेरे खिलाफ आरोप तय करेंगे. इसके बाद मैं अपनी कहानी बताऊंगी. सत्य ही मेरी रक्षा करेगा.’ इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 8 मार्च को तय की गई है.

MeToo खुलासे के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.

आईपीसी की इन धाराओं के तहत दोषी पाये जाने पर प्रिया रमानी को दो साल की सजा हो सकती है. एमजे अकबर ने लॉ फर्म करंजावाला ऐंड कंपनी के जरिये पत्रकार प्रिया रमानी पर केस दर्ज कराया है. दिलचस्प यह भी है कि ख़ुद वकील करंजावाला के खिलाफ एक महिला वकील ने भी सेक्सुअल हरासमेंट के आरोप लगा रखे हैं.

क्या है मामला

#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनके ऊपर करीब दो दर्जन महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने ही लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए.

एमजे अकबर ने अपने खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों को निराधार और गलत बताया था. अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ झूठे आरोप लगा कर बदनाम करने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है. अपनी याचिका में एम जे अकबर ने कहा है, “इस मामले में आरोपी प्रिया रमानी पेशे से पत्रकार हैं. उनके आरोपों से मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को भारी धक्का लगा है.”

याचिका के मुताबिक आरोपी ने उनके खिलाफ अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में उनके खिलाफ लिखा जिससे उन्हें भारी धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि इस महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप लगाकर, ट्वीट करके और आर्टिकल पब्लिश कराकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाया है. ये आरोप झूठे मानहानि करने वाले और बदनीयती से लगाये गए हैं. अकबर ने याचिका में यह भी कहा है कि ये सब एजेंडा से प्रेरित है.

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