लाहौर
पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत ने उसकी ट्रेन को सीमा पार करने और जोर मेला उत्सव के लिए करीब 200 सिख यात्रियों को यहां लाने की इजाजत नहीं दी। भारत सरकार ने पाकिस्तान से आनेवाली ट्रेन को भारत में प्रवेश देने से रोक दिया। विदेश मंत्रालय ने सिख तीर्थयात्रियों को लेने आई ट्रेन को प्रवेश से इनकार देते हुए कहा कि ट्रेन प्रवेश के लिए प्रस्ताव सही तरीके से पेश नहीं किया गया।
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया, ‘पाकिस्तान ने करीब 200 भारतीय सिखों को जोर मेला (गुरु अर्जुन देव की पुण्यतिथि) में शामिल होने के लिए वीजा जारी किया था और वह एक पाकिस्तानी ट्रेन से शुक्रवार को यहां पहुंचने वाले थे। लेकिन भारत सरकार ने सिख यात्रियों को यहां लाने के लिए पाकिस्तानी ट्रेन को अपनी सीमा में प्रवेश देने से इनकार कर दिया।’
हाशमी ने दावा किया, ‘हम इंतजार कर रहे सिख यात्रियों को लाने के लिए पाकिस्तानी ट्रेन को सीमा पार करने देने के संबंध में सीमा पर भारतीय अधिकारियों के साथ संपर्क में रहे लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने अपने इनकार की वजह नहीं बताई। ईटीपीबी एक सरकारी विभाग है जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों एवं मामलों को देखता है।
उन्होंने कहा, ‘हमने भारतीय निर्णय का विरोध किया है। चूंकि पाकिस्तानी उच्चायोग (दिल्ली में) ने 200 सिख यात्रियों को वीजा जारी किया था तो उन्हें लाहौर आने से रोकने की कोई वजह नहीं थी।’ साथ ही उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सरकारी स्तर पर उठाया जाएगा। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (पीएसजीपीसी) के अध्यक्ष तारा सिंह ने कहा कि भारत के फैसले ने पाकिस्तान में सिख समुदाय को निराश किया है।
बता दें कि पाकिस्तान इस समय यह दिखावा करने की कोशिश कर रहा है कि वह भारत के साथ बातचीत करके हल निकालना चाहता है लेकिन साथ ही आतंक को शय देने का भी काम कर रहा है। इसलिए एससीओ के सम्मेलन में पीएम मोदी ने भी पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान को नजरअंदाज किया और पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर घेरा। बाद में उनकी मुलाकात बहुत कम समय के लिए हुई।