केरल में निपाह वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि सात मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें से एक का रिजल्ट पॉजिटिव आया है। बाकी 6 लोगों की रिपोर्ट नेगिटिव आई है। फिलहाल, किसी को भी आइसोलेटिड वार्ड से डिस्चार्ज नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह वायरस आखिर फैल कैसे रहा है।
वहीं, राज्य में अब दो और लोगों के निपाह वायरस से संक्रमित होने की भी संभावना है। त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा है। साथ ही उनके सैंपल को जांच करने के लिए भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि केरल में 23 साल के छात्र की निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद से ही प्रशासन अलर्ट पर है। इसकी जानकारी खुद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने दी। उन्होंने बताया कि निपाह वायरस से पीड़ित जिस मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया उसकी हालत फिलहाल, स्थिर है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि 6 मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जिनमें निपाह टेस्ट पॉजिटिव पाया गया मरीज भी है।
यह है निपाह के लक्ष्ण
निपाह वायरस इंसेफलाइटिस यानी दिमागी बुखार का ही एक रूप है। इसमें सिर दर्द, तेज बुखार, सुस्ती, उलझन, याद्दाश्त कमजोर होना, भ्रम होना, मिर्गी आना और दौरे पड़ने की शिकायत होती है। मरीज कोमा में भी चला जाता है। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं विकसित हुआ है। इसके लक्षणों पर ही इलाज होता है।
बरते यह सावधानी
– स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बलदेव ठाकुर के अनुसार चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आने से बचें।
– ऐसी जगहों पर भी न जाएं जहां पर चमगादड़ों का आना जाना लगा रहता होखासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें।
– फलों को पानी में धोकर खाएं।
– संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं।
– जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं।
– व्यक्ति और पशुओं के पीने के पानी की टंकियों सहित बर्तनों को ढककर
– बाजार में कटे और खुले फल न खाएं।
– संक्रमित पशु के संपर्क में न आएं। खासकर सुअर के संपर्क में आने से बचें।
– निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।