मुंबई के अंधेरी इलाके में सोमवार शाम ईएसआईसी कामगार अस्पताल में लगी भीषण आग से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आग से 150 से ज्यादा लोग झुलस गए जिसमें 6 महीने के एक बच्चे के साथ अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 142 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हादसे में शिकार लोगों के मरने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 3 फायरमैन के अलावा 173 लोगों को अस्पलात में भर्ती कराया गया है. 26 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
मारे गए लोगों में एक 6 महीने का बच्चा भी शामिल है. अस्पताल में जब आग लगी तो उस समय 15 माताएं अपने नवजात शिशु के साथ बचने के लिए भागने लगीं. यह शिशु नवजात शिशु संबंधी वार्ड में था, उसे आग से बचा भी लिया गया था, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई. आईसीयू में 28 लोग घायल हो गए.
हैरानी तो ये है कि अस्पताल को एनओसी भी नहीं मिला था. 15 दिन पहले अस्पताल ने फायर सेफ्टी को लेकर एनओसी के आवेदन किया था, लेकिन फायर डिपार्टमेंट ने इसे नाकाफी मानते हुए खारिज कर दिया था.
अंधेरी (वेस्ट) के कूपर अस्पताल में 24 लोगों को एडमिट कराया गया, जिसमें 2 की मौत हो गई. पी ठाकरे अस्पताल में 33 लोगों को एडमिट कराया गया जिसमें से 10 को छुट्टी दे दी गई है, हालांकि अभी भी 23 लोग अस्पताल में एडमिट हैं.
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने मुंबई के ईएसआईसी अस्पताल में भारी आगजनी में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. गंभीर रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपया दिया जाएगा.