नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीएए के खिलाफ लगाए गए सभी विज्ञापनों को हटाने का आदेश दिया है. दरअसल, हाई कोर्ट में 6 जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें वेबसाइट और अन्य जगहों से सभी विज्ञापन हटाने की मांग की गई थी. इस पर हाई कोर्ट ने ममता सरकार को सभी विज्ञापन हटाने का आदेश दिया है.
विज्ञापन पर बवाल
ममता बनर्जी ने कई माध्यमों पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में विज्ञापन दिया था. इसमें टीवी चैनल और वेबसाइट भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अभी हाल में अपने सरकारी अधिकारियों के साथ यह कहते हुए सुना गया था कि बंगाल सरकार सीएए और एनआरसी लागू नहीं करेगी. उनके इस बयान के बाद अदालत में याचिका दाखिल की गई थी.
सीएए में गैर-मुस्लिम लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है, बशर्ते कि ये लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से साल 2014 के पहले भारत आए हों. पिछले हफ्ते ममता बनर्जी सोमवार से लेकर शुक्रवार तक कोलकाता की सड़कों पर इस कानून विरोध में उतरी थीं. उनके साथ सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग उतरे और इस कानून का पुरजोर विरोध किया.
एजी से जवाब तलब
कुछ दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ममता सरकार एक जिलेवार रिपोर्ट तलब की थी जिसमें पूछा गया था वहां कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बंगाल के कई जिलों में सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था और बड़े स्तर पर तोड़फोड़ की गई थी. कोर्ट ने बंगाल के एटॉर्नी जनरल से सीएए के खिलाफ दिए गए विज्ञापनों पर भी सवाल जवाब किया था जिसमें भारी मात्रा में सरकारी धन का इस्तेमाल हुआ.