बिहार में करारी हार के बाद पटना में महागठबंधन के नेताओं की बैठक चल रही है. हालिया लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस गठबंधन को अब तक की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा है. आरजेडी का खाता नहीं खुल पाया तो 40 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस को महज 1 सीट पर संतोष करना पड़ा. जीतन राम मांझी की पार्टी हम और वीआईपी पार्टी शून्य पर सिमट गई. इसी हार की समीक्षा के लिए पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर मंगलवार से बैठक चल रही है. इस बैठक की खास बात ये है कि इसमें कांग्रेस शामिल नहीं हुई जबकि इसने आरजेडी के साथ कंधे से कंधा मिला कर चुनाव लड़ा था.
दो दिनों तक चलने वाली इस समीक्षा बैठक में पहले दिन हारे हुए प्रत्याशियों, पदाधिकारियों और दूसरे दिन विधायकों से हार के कारण पूछे जाएंगे. आरजेडी के प्रवक्ता विजय प्रकाश ने मंगलवार को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में तमाम मुद्दों की समीक्षा की जाएगी, जो पार्टी की हार का कारण हो सकते हैं.
हार के बारे में बुधवार की बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘हम लोग हौसला नहीं हारे हैं. एक षड्यंत्र के तौर पर लोगों को भ्रमित किया गया, लोगों को गुमराह किया गया. हार के बाद हमारी बातचीत राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अहमद पटेल से हुई भी है. एनडीए की जीत एक षड्यंत्र है.’ हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक महागठबंधन की समीक्षा बैठक में कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में पूर्व मंत्री तेजप्रताप की नाराजगी को लेकर भी मुद्दा उठने की संभावना है. आरजेडी नेताओं का मानना है कि जहानाबाद में एनडीए के प्रत्याशी की हार का मुख्य कारण तेजप्रताप की ओर से आरजेडी के विरोध में प्रत्याशी उतारना माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ही नहीं आरजेडी में भी पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं. सोमवार को आरजेडी के एक विधायक महेश्वर यादव ने ही तेजस्वी से प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने की मांग कर डाली.
गौरतलब है कि हालिया लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे आरजेडी का ही सूफड़ा साफ हो गया है. महागठबंधन की ओर से बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीतकर महागठबंधन का खाता खोल सकी.
मंगलवार की बैठक में क्या हुआ
बैठक के पहले दिन हारे हुए प्रत्याशियों और पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और अपनी-अपनी बात रखी. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे सहित कई नेता शामिल हुए. बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव का परिणाम जनादेश नहीं बल्कि षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में कांटे की टक्कर बताई जा रही थी, वहां दो-तीन लाख से उम्मीदवारों की हार हुई है.
जगदानंद सिंह ने बताया कि बैठक में आरजेडी के सभी नेताओं ने एक सुर में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को सराहा है. उन्होंने (तेजस्वी) युवाओं को जागरूक करने का काम किया तथा किसी भी नेता से अधिक सभाएं कीं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने षड्यंत्र की जांच के लिए एक समिति बनाई है, जो एक सप्ताह के भीतर जमीनी स्तर तक की जांच कर पार्टी नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इस समिति के अध्यक्ष जगदानंद सिंह को बनाया गया है, जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी और आलोक मेहता को सदस्य बनाया गया है. जहानाबाद में वरिष्ठ नेता तेजप्रताप के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ दूसरे उम्मीदवार को प्रचार करने के संबंध में पूछे जाने पर सिंह ने इसे अंदरूनी मामला बताया और कहा कि “इसे हम लोग देखेंगे.” उन्होंने कहा, “षड्यंत्र का यह मामला एक सीट पर नहीं, बल्कि पूरे बिहार का मामला है.”
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा, “हमारी टीम माइक्रो लेवल पर गांव-गांव जाएगी और लोगों को जनादेश के खिलाफ हुए षड्यंत्र की पोल खोलेगी. इस हार से हमलोग हतोत्साहित नहीं हैं, यह जनादेश की जीत नहीं है, यह षड्यंत्र है.” उन्होंने कहा कि बुधवार को भी बैठक जारी रहेगी. बुधवार की बैठक में पार्टी के विधायक शामिल हो रहे हैं.