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भारतीय रेलवे ने रचा इतिहास! डीज़ल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदला

भारतीय रेल के डीज़ल लोकोंमेटिव वर्क्स ने विश्व का पहला डीज़ल रेल इंजन को इलेक्ट्रिक रेल इंजन बदलने का कार्य पूरा कर लिया है. वाराणसी के  डीजल रेल इंजन कारखाना ने विश्व में पहली बार डीजल रेल इंजन को इलेक्ट्रिक रेल इंजन में बदलकर स्वर्णिम इतिहास रच दिया हैं. मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत स्वदेशी तकनीक अपनाते हुए डीज़ल रेल कारख़ाने ने डब्लूएजीसी 3 श्रेणी के रेल इंजन से शुरुआत की है. आपको बता दे यह इलेक्ट्रिक रेल इंजन  माल गाड़ी (फ़्रेट वर्क) में उपयोग किया जायेगा. यह इंजन प्रदूषण मुक्त है और डीज़ल इंजन के मुक़ाबले बेहतर स्पीड और 10 हजार होर्स पावर की क्षमता देने में कारगर हैं.

रेलवे ने रचा इतिहास
>> भारतीय रेलवे ने पहली बार एक डीजल लोकोमोटिव को विद्युत चालित इंजन में बदला दिया है.

>> यह उसके ब्रॉडगेज नेटवर्क को पूरी तरह विद्युतीकृत करने के प्रयासों का हिस्सा है.

>> इससे लोकोमोटिव की क्षमता 2600 एचपी से बढ़कर 5000 एचपी हो गयी है.

>> इस परियोजना पर काम 22 दिसंबर, 2017 को शुरू हुआ था और नया लोकोमोटिव 28 फरवरी, 2018 को तैयार करके भेजा गया.

>> रेलवे ने गुरुवार को बताया कि अवधारणा से लेकर डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने तक का काम महज 69 दिन में पूरा किया गया.

रेलवे ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे के मिशन शत प्रतिशत विद्युतीकरण और गैर-कार्बनीकरण एजेंडा के मद्देनजर डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने एक नया प्रोटोटाइप विद्युत लोकोमोटिव तैयार किया है जिसे डीजल लोकोमोटिव से बदलकर विकसित किया गया है. अनिवार्य परीक्षण के बाद लोकोमोटिव को वाराणसी से लुधियाना के लिए भेजा गया.

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