देहरादून.
पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को देहरादून में मंगलवार को आखिरी विदाई दी गई। मेजर का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटा उनके घर पहुंचा तो आखिरी दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसी दौरान एक बेहद भावुक वाकिया हुआ जब शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंची एक अन्य फौजी अफसर की मां ने दुखी होते हुए मार्मिक अपील कर दी। उन्होंने फौजियों की मांओं को मौका देते हुए कश्मीर में भेजने की मांग की।
इस वजह से की ऐसी मांग…
– फौजियों की मांओं को कश्मीर में भेजने की मांग शोभा जोशी नाम की महिला ने की, जो कि देहरादून की डिफेंस कॉलोनी में रहती हैं। उनका बेटा गिरित्र जोशी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। मेजर विभूति को श्रद्धांजलि देते हुए शोभा जोशी के मन में विभूति की बचपन की यादें ताजा हो गईं। जब विभूति छोटे थे, तो शोभा उन्हीं के घर में बतौर किरायेदार रहती थीं।
– विभूति के पार्थिव शरीर को देख शोभा काफी भावुक हो गईं। जिस बच्चे को उन्होंने गोद में खिलाया था उसके शव को देख उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वे बोल रही थीं, ‘आखिर कब तक हमारे बच्चे शहीद होते रहेंगे। ये खून-खराबा कब तक चलेगा?’
– ‘रोते-रोते विभूति के बचपन को याद करते हुए वे कह रही थीं, विभूति काफी शरारत करते थे और मेरा बेटा भी विभूति के साथ ही खेलते हुए बड़ा हुआ है।’ इसके बाद उन्होंने कहा, ‘हमारे बेटे लगातार शहीद हो रहे हैं। क्यों ना सरकार हमें कश्मीर भेजे? हम कश्मीर जाएंगे। सभी फौजियों की मां कश्मीर जाएंगी.. हम उन्हें समझाएंगी।’
– उन्होंने कहा, ‘जिस तरह वो भी किसी मां के बेटे हैं, उसी तरह हमारे भी बेटे हैं। हम नहीं चाहते किसी भी मां की कोख उजड़े। हम आतंकियों को मोहब्बत, मां के लहजे में समझाएंगे। हो सकता है कि उन्हें हमारी बात समझ आ जाए और वे खून-खराबा छोड़कर अमन की राह पर चल पड़ें।’
मंगलवार को हुआ था अंतिम संस्कार
– जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार को हुए एनकाउंटर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान मेजर विभूति शहीद हो गए थे। उनके अलावा एनकाउंटर में हवलदार एस राम और सिपाही हरि सिंह एवं अजय कुमार भी शहीद हुए थे।
– मेजर विभूति की शादी पिछले साल अप्रैल में ही हुई थी। वो तीन बहनों के इकलौते भाई थे, वहीं उनकी पत्नी निकिता दिल्ली में एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करती हैं। सोमवार को ही वो देहरादून से दिल्ली वापस लौट रही थीं, जब रास्ते में उन्हें पति के शहीद होने की सूचना मिली।
– मेजर का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटा उनके घर पहुंचा, तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पत्नी निकिता ने ताबूत को चूमते हुए आई लव यू कहा और उन्हें सलाम भी किया।